New Delhi. Smokeless tobacco, betel nut cause highest oral cancer cases in India in South Asia: Lancet-m.khaskhabar.com
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धुआं रहित तंबाकू, सुपारी के कारण भारत में मुंह के कैंसर के मामले दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा : लैंसेट

khaskhabar.com : बुधवार, 09 अक्टूबर 2024 1:58 PM (IST)
धुआं रहित तंबाकू, सुपारी के कारण भारत में मुंह के कैंसर के मामले दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा : लैंसेट
नई दिल्ली। दक्षिण एशिया के देशों में भारत में सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मामले पाए जाते हैं, जिसका मुख्य कारण बिना धुएं वाले तंबाकू उत्पादों का बढ़ता इस्तेमाल है, जैसे कि पान मसाला जिसमें तंबाकू होता है, गुटखा, खैनी और सुपारी। यह जानकारी बुधवार को एक अध्ययन से मिली।


इस अध्ययन को अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (आईएआरसी) ने किया और यह 'द लैंसेट ऑन्कोलॉजी' जर्नल में प्रकाशित हुआ। अध्ययन के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में 1,20,200 ओरल कैंसर के मामलों में से 83,400 मामले अकेले भारत में थे, जो बिना धुएं वाले तंबाकू और सुपारी के कारण हुए थे।

महिलाओं में मुख कैंसर के सबसे अधिक मामले सुपारी (30%) और तंबाकू वाले पान मसाले (28%) के कारण थे, इसके बाद गुटखा (21%) और खैनी (21%) का नंबर आता है। वहीं, पुरुषों में खैनी (47%), गुटखा (43%), तंबाकू वाला पान मसाला (33%) और सुपारी (32%) से सबसे ज़्यादा मामले देखे गए।

आईएआरसी के कैंसर निगरानी विभाग की वैज्ञानिक, डॉ. हैरियट रूमगे ने कहा, "बिना धुएं वाला तंबाकू और सुपारी दुनिया भर में अलग-अलग रूपों में उपलब्ध है, लेकिन इनका सेवन कई बीमारियों, खासकर ओरल कैंसर से जुड़ा है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने पाया कि दुनिया भर में 1,20,000 से ज्यादा लोगों को ऐसा ओरल कैंसर हुआ जो बिना धुएं वाले तंबाकू या सुपारी के सेवन से हो सकता था। ये आंकड़े दिखाते हैं कि इन उत्पादों से स्वास्थ्य पर कितना बड़ा बोझ पड़ता है और इनका सेवन रोकने के लिए उपायों की कितनी जरूरत है।"

आईएआरसी के अध्ययन में यह भी पाया गया कि 2022 में दुनिया के कुल 3,89,800 ओरल कैंसर मामलों में से 1,20,200 मामले बिना धुएं वाले तंबाकू और सुपारी के सेवन के कारण हो सकते थे। इसका मतलब है कि अगर इनका इस्तेमाल रोक दिया जाए, तो लगभग 31% ओरल कैंसर के मामले रोके जा सकते हैं।

इसके अलावा, 95% से ज्यादा ऐसे ओरल कैंसर के मामले, जो बिना धुएं वाले तंबाकू और सुपारी के सेवन से होते हैं, कम और मध्यम आय वाले देशों में पाए गए। जिनमें से 1,15,900 मामले थे।

भारत के बाद बांग्लादेश (9,700), पाकिस्तान (8,900), चीन (3,200), म्यांमार (1,600), श्रीलंका (1,300), इंडोनेशिया (990), और थाईलैंड (785) का नंबर आता है।

आईएआरसी के कैंसर निगरानी विभाग की उप प्रमुख, डॉ. इसाबेल सोरजियोमतराम ने कहा, "धूम्रपान पर नियंत्रण बेहतर हुआ है, लेकिन बिना धुएं वाले तंबाकू के सेवन को रोकने में प्रगति ठहर गई है, और सुपारी अभी भी ज्यादातर अनियंत्रित है।"

अध्ययन ने बिना धुएं वाले तंबाकू पर नियंत्रण को प्राथमिकता देने और सुपारी के सेवन को रोकने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का आह्वान किया।

--आईएएनएस

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