सर्वाइकल और कमर दर्द से राहत पाने का सरल उपाय 'गोमुखासन', तनाव और चिंता भी करें दूर

आयुष मंत्रालय के मुताबिक, गोमुखासन से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है। यह आसन शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, खासकर कंधे, पीठ और जांघों की मांसपेशियों पर ज्यादा असर डालता है।
गोमुखासन सर्वाइकल की समस्या में भी फायदेमंद होता है, क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी को सीधा और मजबूत बनाता है। कमर दर्द में भी इससे राहत मिलती है। इस आसन से शरीर लचीला बनता है और बैठने की मुद्रा में सुधार होता है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।
यह आसन अस्थमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद माना गया है, क्योंकि यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है और सांस लेने की प्रक्रिया को सुचारु करता है।
डायबिटीज के मरीजों को भी गोमुखासन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह योगासन शरीर के अंदरूनी अंगों पर बेहतरीन असर डालता है। इसे करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है और पाचन तंत्र भी बेहतर होता है। इसके साथ ही यह हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसे करने से तनाव कम होता है, जिससे दिल पर दबाव नहीं पड़ता और ब्लड प्रेशर भी संतुलित रहता है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक, इसे करने से हाथ, कंधे, छाती और पीठ की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है। इससे खासकर ट्राइसेप्स यानी बाजुओं के पीछे के हिस्से मजबूत बनते हैं। अगर किसी को पीठ दर्द रहता है, तो इस आसन से आराम मिल सकता है। इससे रोजमर्रा के काम आसान हो जाते हैं और थकान भी कम लगती है।
गोमुखासन करने का तरीका बेहद आसान है। सबसे पहले जमीन पर पद्मासन की स्थिति में आराम से बैठ जाएं। फिर दाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने के ऊपर से ले जाएं। इसके बाद बाएं पैर को मोड़कर दाईं जांघ के ऊपर से गुजारें और उसके तलवे को दाएं कूल्हे के नीचे जमीन से सटा दें। अब अपने दोनों हाथों को पीछे करके घुटनों के पीछे से आपस में जोड़ लें। इस दौरान धीरे-धीरे सांस लेते रहें और शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें।
--आईएएनएस
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