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गर्भावस्था में फायदेमंद है व्यायाम मजबूत होते हैं फेफड़े और कम होता है अस्थमा का खतरा
गर्भावस्था में फायदेमंद है व्यायाम
गर्भावस्था के दौरान हल्का-फुल्का व्यायाम सिर्फ महिला के लिए ही नहीं कोख में पल रहे बच्चे के लिए भी फायदेमंद होता है। इस बात को हाल ही में नॉर्वे के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में साबित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, गर्भावस्था के दौरान रोजाना एक्सरसाइज या फिजिकली एक्टिव रहने वाली महिलाओं के बच्चों के फेफड़े मजबूत होते हैं। इन्हें भविष्य में अस्थमा होने का खतरा भी नहीं रहता।
रिसर्च की 3 बड़ी बातें
1. रिसर्च करने वाली ऑस्लो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 800 से अधिक गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च की। रिसर्च के दौरान महिलाओं से पूछा कि वो कितना एक्टिव रहती हैं। इन महिलाओं से जन्में बच्चों की 3 माह की उम्र में फेफड़ों की जांच की गई। फेफड़ों की जांच के लिए बच्चों के नाक और मुंह पर मास्क लगाया गया। इसके बाद इनके शांत रहने और सांस लेने की गति को मॉनिटर किया गया। बच्चा कितनी सांस ले रहा है और कितनी छोड़ रहा है, इसकी रिकॉर्डिंग की गई।
2. रिपोर्ट में सामने आया कि जिन बच्चों की मांओं ने गर्भावस्था के दौरान हल्का-फुल्का व्यायाम किया और गतिशील रहने कोशिश की उनके बच्चों के फेफड़े दूसरे बच्चों के मुकाबले मजबूत थे।
3. शोधकर्ताओं का कहना है, 8.6 फीसदी बच्चे ऐसे थे जिनकी मांएं गर्भावस्था के दौरान एक्टिव नहीं रही थीं, उनके फेफड़े उतने मजबूत नहीं थे, जितना व्यायाम करने वाली मांओं के 4.2 फीसदी बच्चों के थे।
गर्भावस्था के दौरान हल्का-फुल्का व्यायाम सिर्फ महिला के लिए ही नहीं कोख में पल रहे बच्चे के लिए भी फायदेमंद होता है। इस बात को हाल ही में नॉर्वे के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में साबित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, गर्भावस्था के दौरान रोजाना एक्सरसाइज या फिजिकली एक्टिव रहने वाली महिलाओं के बच्चों के फेफड़े मजबूत होते हैं। इन्हें भविष्य में अस्थमा होने का खतरा भी नहीं रहता।
रिसर्च की 3 बड़ी बातें
1. रिसर्च करने वाली ऑस्लो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 800 से अधिक गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च की। रिसर्च के दौरान महिलाओं से पूछा कि वो कितना एक्टिव रहती हैं। इन महिलाओं से जन्में बच्चों की 3 माह की उम्र में फेफड़ों की जांच की गई। फेफड़ों की जांच के लिए बच्चों के नाक और मुंह पर मास्क लगाया गया। इसके बाद इनके शांत रहने और सांस लेने की गति को मॉनिटर किया गया। बच्चा कितनी सांस ले रहा है और कितनी छोड़ रहा है, इसकी रिकॉर्डिंग की गई।
2. रिपोर्ट में सामने आया कि जिन बच्चों की मांओं ने गर्भावस्था के दौरान हल्का-फुल्का व्यायाम किया और गतिशील रहने कोशिश की उनके बच्चों के फेफड़े दूसरे बच्चों के मुकाबले मजबूत थे।
3. शोधकर्ताओं का कहना है, 8.6 फीसदी बच्चे ऐसे थे जिनकी मांएं गर्भावस्था के दौरान एक्टिव नहीं रही थीं, उनके फेफड़े उतने मजबूत नहीं थे, जितना व्यायाम करने वाली मांओं के 4.2 फीसदी बच्चों के थे।
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