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इलायची के चार रंग, चार अंदाज, जानिए कौन-सी कहां होगी इस्तेमाल?

khaskhabar.com: सोमवार, 19 मई 2025 12:12 PM (IST)
इलायची के चार रंग, चार अंदाज, जानिए कौन-सी कहां होगी इस्तेमाल?


नई दिल्ली । छोटी-सी दिखने वाली इलायची में कितनी किस्में, खुशबुएं और स्वाद छुपे हैं, ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे! ज्यादातर लोग सिर्फ हरी इलायची को जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इलायची काली, सफेद और यहां तक कि लाल भी होती है और ये सब सिर्फ रंग में ही नहीं, बल्कि स्वाद, खुशबू और इस्तेमाल के तरीके में भी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती हैं।
लंदन में रामबुतान रेस्टोरेंट की शेफ और मालिक सिंथिया शनमुगलिंगम का कहना है कि इलायची मेरा सबसे पसंदीदा मसाला है, इसकी खुशबू मुझे बचपन की मिठाइयों की याद दिलाती है। इलायची हर तरह के खाने में काम आने वाली चीज है। यह नमकीन और तीखे खाने में भी स्वाद बढ़ा देती है। इससे आप मीठा भी बना सकते हैं और मसालेदार भी, जैसे खीर में डालें या बिरयानी में, दोनों का स्वाद निखार देती है।
इलायची की जड़ें दक्षिण भारत में हैं। यूं तो इलायची के कई रंग होते हैं, लेकिन सबसे आम हरी इलायची होती है। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। काली इलायची स्वाद में बहुत तेज होती है। इसका नमकीन और मसालेदार खाने में इस्तेमाल होता है। वहीं लाल इलायची का इस्तेमाल ज्यादातर चाइनीज और एशियन किचन में किया जाता है। सफेद इलायची भारत में आम नहीं है। ये हरी इलायची होती है जिसे ब्लीच कर उसका रंग हल्का किया जाता है।
इंडियन किचन नाम की किताब की लेखिका रूपा गुलाटी कहती हैं कि कभी-कभी वे हरी और काली इलायची दोनों एक ही डिश में डालती हैं। इन दोनों का स्वाद बिलकुल अलग होता है। अगर आप खुशबूदार चावल या खीर बना रहे हैं, तो उसमें काली इलायची नहीं डालनी चाहिए, क्योंकि उसकी तेज खुशबू बाकी सारे स्वादों को दबा देती है। इसका स्वाद तेज और स्मोकी जैसा होता है। यह हरी इलायची से कहीं ज्यादा तेज स्वाद वाली होती है।
रूपा गुलाटी बताती हैं कि काली इलायची मीट करी, लैंब पुलाव, चावल के मसालेदार व्यंजन और गरम मसाले में बहुत अच्छी लगती है। इसका स्वाद ऐसा होता है जो डिश को एक मजबूत बेस देता है। कश्मीरी यखनी नाम की डिश में ढेर सारे मसाले होते हैं, लेकिन अगर आप उसमें दो काली इलायची और डाल दें, तो वो डिश का लेवल ही बढ़ा देती है।
उनका कहना है कि काली इलायची को मीठे में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे- खजूर जैसी गहरी मिठास वाली चीजों में। इसका स्मोकी फ्लेवर वहां भी अच्छा जाता है। लाल इलायची का स्वाद काली इलायची जैसा ही होता है। लेकिन भारत में इसे आमतौर पर खाना पकाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता। जरूरत पड़ने पर इसे काली इलायची की जगह इस्तेमाल करते हैं।
हरी इलायची का स्वाद ताजा और थोड़ा नींबू जैसा होता है। रूपा गुलाटी ने बताया कि वह हरी इलायची को केक बैटर, मिठाइयों, और खीर में डालती हैं। कभी-कभी वो दूध में हरी इलायची की फली डालकर धीरे-धीरे उबालती हैं, ताकि उसकी खुशबू अच्छी तरह मिल जाए।
शानमुगलिंगम कहती हैं कि वे श्रीलंकाई नारियल के कस्टर्ड पुडिंग वटालप्पम में हरी इलायची का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन साथ ही वे इसे पुलाव, बिरयानी, दाल और चिकन मैरिनेड में भी डालती हैं, क्योंकि इसका हल्का स्वाद कई चीजों के साथ अच्छा लगता है। सफेद इलायची हरी इलायची से बनी होती है। इसे ब्लीच किया जाता है। इसका स्वाद बहुत हल्का होता है। इसे भी आप केक, खीर, मलाईदार मिठाइयों में डाल सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अगर आपको जोरदार और तेज स्वाद चाहिए, तो इलायची के बीजों को तेल में डालें। इसे पहले थोड़ा फाड़ लें या छेद कर लें, वरना वो गर्म तेल में फट सकती है। वहीं केक, मैरिनेड जैसी चीजों में पिसी हुई इलायची सबसे अच्छा काम करती है। लेकिन पीसना आसान नहीं होता। इसके बीज पीसना काफी मेहनत वाला काम है। पीसते समय उसमें थोड़ा सा कैस्टर शुगर मिला लें। ये चीनी घिसाई जैसा काम करती है, जिससे बीज जल्दी और आसानी से पिस जाते हैं। बीज पीसने के बाद इसका इस्तेमाल जल्दी करना चाहिए, वरना उसमें बासी जैसी गंध आने लगती है।
--आईएएनएस

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