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शादी से पहले दोनों पक्षों को करना चाहिए इन बातों पर विचार, आगे नहीं आती समस्या

khaskhabar.com : बुधवार, 12 अप्रैल 2023 10:46 AM (IST)
शादी से पहले दोनों पक्षों को करना चाहिए इन बातों पर विचार, आगे नहीं आती समस्या
रिश्तों की मिठास और कड़वाहट के लिए शादी को सबसे बड़ा बंधन माना जाता है। शादी केवल दो शरीरों का मिलन ही नहीं अपितु यह अलग-अलग आत्माओं, परिवारों, संस्कृतियों, रहन-सहन आदि का मिलन होता है। इस रिश्ते में बंधने से पहले जरूरी है कि इस रिश्ते को निभाने की समझ होना।

आज हम अपने खास खबर डॉट कॉम के पाठकों को उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर इस रिश्ते में जुडऩे से खुलकर बातचीत हो जाए तो रिश्ता जुडऩे के बाद इस रिश्ते को निभाने में कोई दिक्कत नहीं आती। आइए डालते हैं एक नजर उन बातों पर—

माता-पिता
शादियों में अपने सास-ससुर के प्रति आदर और सम्मान को लेकर ढेर सारी गलतफहमियां हो सकती हैं। आपको यह बताना होगा कि शादी के कितने समय बाद आप अपने माता-पिता के घर से बाहर निकलेंगे या आप पूरे परिवार के साथ रहेंगे। अगर लडक़े का परिवार संयुक्त है तो क्या लडक़ी के माता-पिता वहां कपल से मिलने आ सकते हैं? अगर दोनों में से किसी एक के माता-पिता को विशेष मदद या देखरेख की जरूरत आन पड़ी तो क्या वे आपके साथ आ सकते हैं? एक-दूसरे से बात करें और इनके समाधान निकालें ताकि बाद में आप दोनों के बीच बहस न हो।

करियर
शादी के बाद परिवार बनता है और परिवार के साथ ही जिम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं। इसके चलते घर और दफ्तर में संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है। नौकरी के सिलसिले में टूर पर जाना पड़ता है या फिर आपकी नौकरी में तबादले होते हैं, तो इसे लेकर भी बात जरूर करें। साथ ही अपनी वर्किंग शिफ्ट और ऑफिस कल्चर के बारे में भी चर्चा करें। अगर इनसे आपके भावी जीवनसाथी को लेकर कोई संशय या परेशानी है तो उसे भी बात करके दूर करने की कोशिश करें।

दबाव में तो नहीं कर रहे शादी
वर्तमान में ज्यादातर लडक़े-लड़कियों के पहले से अफेयर होते ही हैं इसलिए सबसे पहले आपको उससे यह पूछना चाहिए कि क्या आप यह शादी अपनी मर्जी से कर रहे हैं या आपको पारिवारिक और सामाजिक दबाव के चलते शादी करनी पड़ रही है। कई बार लडक़े-लड़कियाँ दवाब में शादी कर लेते हैं और बाद में एक-दूसरे से संतुष्ट न होने के कारण दोनों का ही जीवन बर्बाद हो जाता है।

पर्सनल स्पेस
रिश्तों में हर किसी को आजादी और पर्सनल स्पेस की जरूरत होती है और अगर आप दोनों को पूरी उम्र साथ रहना है तो आप दोनों को एक-दूसरे की पर्सनल स्पेस की जरूरत समझनी होगी। आपको अपने लिए, अपने परिवार-दोस्तों के लिए कितना समय चाहिए? वो कौन-सी चीजें हैं जो आप दोनों अकेले करना पसंद करेंगे? क्या आप अपने हर फैसले में अपने साथी को शामिल करना पसंद करेंगे? क्या हर साल आप अपने साथी के बिना अपनी सहेलियों और रिश्तेदारों से मिलने जाना पसंद करेंगे? इन सब बातों पर भी जरूर चर्चा करनी चाहिए।

बच्चे
शादी के कुछ माह बाद ही परिजन और आस-पड़ोस वाले गुड न्यूज के बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं। जबकि यह एक निजी मामला है और इसका फैसला आप दोनों को ही करना है। शादी के कितने साल बाद आप बच्चे के बारे में सोच सकते हैं और उनकी परवरिश की जिम्मेदारी आप आपस में कैसे बांटेंगे इस पर बात जरूर करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शादी का एक बेहद संवेदनशील पहलू है जिसे लेकर पति-पत्नी के बीच मनमुटाव की बातें सामने आती हैं।

आस्था
आप दोनों में से कोई एक धार्मिक प्रवृति का हो सकता है तो दूसरा नहीं। आप में से कोई एक पूरी तरह आजाद रहना पसंद कर सकता है तो दूसरा हर छोटी-बड़ी बात एक-दूसरे को बताना जरूरी समझ सकता है। वैसे जहां आप इन बातों का पता डेटिंग या शादी से पहले वाले साथ बिताए समय में ही लगा सकते हैं, तो वहीं यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप एक-दूसरे की आस्था को सम्मान देने और उसके विचारों का ख्याल रखने के लिए क्या प्रयास करते हैं। आपको बदलने की जरूरत नहीं है बस इस बात का ध्यान रखना है कि किस तरह दूसरे को परेशान किए बगैर या उसे ठेस पहुंचाए बिना आप अपनी आस्था का कितना प्रदर्शन कर सकते हैं।

नोट—यह लेखक के अपने निजी विचार हैं, जरूरी नहीं है कि आप इन विचारों से पूर्णतया सहमत हों।

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