मोटापा, पाचन, त्वचा से जुड़ी हर परेशानी का हल है आरोग्यवर्धिनी वटी

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, आरोग्यवर्धिनी वटी कई जानी-मानी औषधियों को मिलाकर बनाई जाती है, जो मिलकर इसे एक असरदार और बहुउपयोगी दवा बनाते हैं। इसमें त्रिफला (हरड़, बेहड़ा, आंवला) जैसे पेट साफ करने वाले घटक होते हैं, जो पाचन को ठीक रखते हैं। शुद्ध शिलाजीत और शुद्ध गंधक शरीर को ताकत देते हैं और अंदर की गंदगी को बाहर निकालने में मदद करते हैं। लोहत भस्म और अभ्रक भस्म खून को साफ करते हैं और कमजोरी दूर करते हैं। इसमें तांबे की राख भी मिलाई जाती है, जो चर्बी और टॉक्सिन्स को कम करने में मदद करती है। चित्रक मूल और कुटकी जैसी जड़ी-बूटियां पाचन सुधारने और लीवर को मजबूत करने का काम करती हैं। इन सभी चीजों का मेल इसे एक बेहतरीन डिटॉक्स को संतुलित करने वाली औषधि बना देता है।
यह आयुर्वेदिक दवा शरीर के कई हिस्सों पर एक साथ काम करती है। आरोग्यवर्धिनी वटी फैटी लिवर या हेपेटाइटिस में लीवर को साफ करती है। त्वचा रोग की समस्याएं, जैसे पिम्पल्स, फोड़े-फुंसी, खुजली या एक्जिमा में भी यह काफी राहत देती है। जिन लोगों को मोटापा या ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की परेशानी है, उनके लिए यह दवा शरीर की चर्बी को घटाने और मेटाबोलिज्म को तेज करने में मदद करती है। पेट की समस्याएं जैसे कब्ज, गैस या अपच को दूर करने में भी यह उपयोगी है, क्योंकि इसमें त्रिफला और चित्रक जैसे पाचन सुधारने वाले तत्व होते हैं।
इसके अलावा, आरोग्यवर्धिनी वटी दिल को भी फायदा पहुंचाती है, क्योंकि यह खून को साफ करती है और दिल की नाड़ियों को मजबूत बनाती है। कुछ मामलों में यह हॉर्मोन की गड़बड़ी, जैसे महिलाओं में पीसीओएस या पुरुषों में कमजोरी की समस्याओं में भी सहायक मानी जाती है।
--आईएएनएस
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