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भारत में लगभग 4% लोग हेपेटाइटिस से पीड़ित

khaskhabar.com : बुधवार, 27 जुलाई 2022 1:26 PM (IST)
भारत में लगभग 4% लोग हेपेटाइटिस से पीड़ित
जयपुर । भारत में बीमारियों से मृत्यु का एक बड़ा कारण लिवर की बीमारी है। लिवर की बीमारियों में आम कारण हेपेटाइटिस है।द इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुए आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं, वहीं 1.2 करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी से ग्रसित है। गंभीर बात यह है कि 90 फीसदी मरीजों का पता ही नहीं चलता हैं कि वें हेपेटाइटिस बी या सी से संक्रमित हैं।

वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (28 जुलाई 2022) के मौके पर नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। उसके दौरान बताया कि हेपेटाइटिस एक ऐसा संक्रमण है जिससे लिवर में सूजन आ जाती है। यह मुख्य रूप से चार वायरस (ए, बी, सी एवं ई) के कारण होता है। हेपेटाइटिस बी या सी वायरस के संक्रमण से लिवर को गंभीर क्षति हो सकती है जो लिवर सिरोसिस से लिवर फेलियर और यहां तक कि कुछ मामलों में लिवर कैंसर तक का रूप ले सकती है और अत्याधिक जटिल स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट ही अंतिम विकल्प बचता है।

90% लोगों को बीमारी का पता ही नहीं चलता
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के लिवर रोग व लिवर ट्रांसप्लांट फिजीशियन डॉ. राहुल राय ने बताया कि इन विषाणु से लिवर में इन्फेक्शन दो प्रकार से होता है, एक एक्यूट यानी कि अल्पकालिक और एक क्रॉनिक यानी कि दीर्घ कालिक। ज्यादातर लोग क्रोनिक वायरल हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित होते हैं। 90% मरीजों को यह तक नहीं पता होता है कि उन्हें यह बीमारी है क्योंकि इसके लक्षण बीमारी के अंतिम चरण में दिखते है। जब तक लक्ष्ण दिखने लगते हैं तब तक लिवर काफी खराब हो चुका होता हैं। इसके लक्षण में शामिल है पेट में पानी आ जाना, पीलिया हो जाना आदि। यह लक्षण लिवर फैलियर की स्थिति को दर्शाते है। कुछ लोगों को ट्रीटमेंट से फायदा हो जाता है परंतु कुछ लोगों में पूर्ण प्रयासों के बाद भी बीमारी बढ़ती रहती है तब उनको जीवन रक्षा के लिए ट्रांसप्लांट करना पड़ता है।

लिवर कैंसर के 80% केस क्रोनिक हेपेटाइटिस के कारण

नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के पेट, आँत व लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार सांघी ने बताया कि हेपेटाइटिस के खतरे को हल्के में न लें। जितने लोगों की एच.आई.वी., मलेरिया व टी.बी. से संयुक्त रूप से मृत्यु होती है, उससे ज्यादा अकेले हेपेटाइटिस से मौतें होती है। लिवर कैंसर के 80% से ज्यादा केस क्रोनिक हेपेटाइटिस के कारण होते है। भारत में लगभग 4% लोगों को हेपेटाइटिस है और अधिकतर लोगों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। अगर आपके परिवार में किसी एक सदस्य को भी हेपेटाइटिस बी है तो परिवार के सभी सदस्यों को हेपेटाइटिस बी की जाँच जरूर करवानी चाहिए।

टीकाकरण से हो सकता है बचाव
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के पेट, आँत व लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिनव गुप्ता ने बताया कि जन्म के बाद बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना बहुत ज़रूरी है। हेपटाइटिस सी और हेपेटाइटिस बी हेपेटोट्रोपिक वायरस है। हेपटाइटिस सी, माँ से बच्चे में हो सकता है इसीलिए डिलिवरी से पहले जाँच के दौरान महिलाओं की वायरोलॉजिकल जांच करके और जरूरत पड़ने पर उसके अनुसार इलाज करके हेपेटाइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है।

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