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भारत में एप्पल के मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने से रोजगार के नए अवसर होंगे पैदा, टैक्स चोरी में आएगी कमी : रिपोर्ट

ग्रांट थॉर्नटन भारत में टैक्स प्लानिंग और ऑप्टिमाइजेशन-पार्टनर कृष्ण अरोड़ा ने कहा कि लोकल असेंबली कंपनी को अमेरिका में संभावित टैरिफ वृद्धि से भी बचाती है।
अमेरिका द्वारा भारत पर उच्च टैरिफ लगाए जाने के बाद, देश के कुछ निर्यातों पर अब 50 प्रतिशत तक के शुल्क लग रहे हैं, हालांकि स्मार्टफोन पर अभी इस तरह के शुल्क लागू नहीं है।
एप्पल के इस कदम से भारत की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत भी लाभ हुआ है। यह योजना पिछले पांच वर्षों से भारत में निर्मित फोन की बिक्री में वृद्धि पर 4-6 प्रतिशत नकद प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।
अरोड़ा ने आगे कहा, हालांकि, कंपनी के इस निर्णय से भारत में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें तुरंत कम नहीं होंगी।
उन्होंने आगे कहा कि इससे एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट निर्माताओं को वित्त वर्ष 2024-25 में आईफोन निर्यात में 10 बिलियन डॉलर से अधिक का आंकड़ा पार करने में मदद मिली है। इसी के साथ 2025 की पहली छमाही में निर्यात सालाना आधार प 53 प्रतिशत बढ़कर 23.9 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है।
2025 की पहली छमाही में भारत में असेंबल किए गए 78 प्रतिशत आईफोन अमेरिका भेजे गए, जो एक वर्ष पहले 53 प्रतिशत था।
तमिलनाडु सरकार ने पूंजीगत सब्सिडी, फास्ट-ट्रैक्ड एनवायरमेंटल क्लीयरेंस और डेडिकेटेड इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क की पेशकश की है, जबकि कर्नाटक ने रियायती दरों पर जमीन, बिजली दरों में छूट और स्किल डेवलपमेंट ग्रांट की पेशकश की है।
--आईएएनएस
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