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चार वर्षों में भारत में 2,500 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित होने का अनुमान
इसी बीच एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अगले चार वर्षों में देश में 2,500 ऐसे केंद्र स्थापित होने का अनुमान है, जिनका कार्यालय स्थान 300 मिलियन वर्ग फुट से अधिक होगा।
देश में वर्तमान में 1800 से अधिक जीसीसी हैं, जो टॉप सात शहरों में 240 मिलियन वर्ग फुट ग्रेड ए कार्यालय स्थान पर स्थित हैं। इस संख्या के साथ भारत ग्लोबली जीसीसी को लेकर अग्रणी बना हुआ है।
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से देश में मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे सहित अन्य स्थानों पर 100 नए केंद्र स्थापित किए गए हैं।
जीसीसी की कुल जगह का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा अकेले बेंगलुरु में है। इसके अलावा, जीसीसी टॉप सात शहरों में करीब 50 प्रतिशत एक्टिव और ऑनगोइंग स्पेस रिक्वायरमेंट को दिखाते हैं। अमेरिका बेस्ड कंपनियों ने देश में जीसीसी की जगह का कुल 60 प्रतिशत हिस्सा ले रखा है।
जेएलएल इंडिया के राहुल अरोड़ा के अनुसार, भारत में जीसीसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में रिसर्च और डेवलपमेंट का नेतृत्व कर रहे हैं।
जीसीसी अब केवल सेवा प्रदाता नहीं रह गए हैं; वे वैश्विक निगमों के केंद्र बन रहे हैं, जहां भारतीय नेतृत्व दुनिया भर में व्यापार रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बदलाव भारत के इनोवेशन के केंद्र के रूप में उभरने को रेखांकित करता है, जहां बहुराष्ट्रीय उद्यम अपना भविष्य बना रहे हैं।
इस बीच, जीसीसी ने तीसरी तिमाही में भारत में अपनी मजबूत गति जारी रखी और कुल ग्लोबल लीजिंग वॉल्यूम (जीएलवी) में 30 प्रतिशत का योगदान दिया।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के अनुसार, तीसरी तिमाही में टॉप आठ शहरों में समग्र कार्यालय क्षेत्र में जीएलवी 24.8 मिलियन वर्ग फीट (एमएसएफ) तक पहुंच गया, जो इस क्षेत्र के इतिहास में दूसरी सबसे अधिक तिमाही लीजिंग मात्रा है।
--आईएएनएस
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