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शराब ठेकों और बैंकों में लूट के दो आरोपी गिरफ्तार, दर्जनभर वारदातों का खुलासा

नागौर। थाना कुचेरा पुलिस ने गांव रूण स्थित राजस्थान मरूधरा ग्रामीण बैंक लूट के प्रकरण में प्रभावी कार्रवाई करते हुए सवा साल बाद दो आरोपियों को बापर्दा गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 29 अक्टूबर 2021 को बैंक में घुसकर पिस्टल की नोंक पर 93930 रूपए की लूट की थी। इनकी गिरफ्तारी से जोधपुर तथा अजमेर रेंज की एक दर्जन से ज्यादा वारदातो का खुलासा हुआ है।
एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि आरोपी दिनेश जाट पुत्र भुंडाराम (20) और उसके भाई प्रकाश जाट (22) निवासी नायकों की ढाणी भावी थाना बिलाड़ा जिला जोधपुर को गिरफ्तार किया गया है। घटना के संबंध में तत्कालीन बैंक मैनेजर सरफराज द्वारा 29 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। 20-25 वर्ष के दो नकाबपोश युवक दिन में पिस्टल दिखाकर बैंक से 93 हजार 930 रुपये लूट कर बाइक से फरार हो गए थे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मीना व सीओ धन्नाराम के सुपरविजन एवं थानाधिकारी कुचेरा विमला के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा इस घटना का खुलासा कर आरोपी भाइयों दिनेश जाट और प्रकाश जाट को बापर्दा गिरफ्तार किया गया है।
तरीका ए वारदात
गिरफ्तार आरोपियो से गहनता से पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आये कि संलिप्त अपराधी अत्यंत ही शातिर प्रवृति के हैं। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए सुदूर स्थानों पर स्थित बैंकों को लक्ष्य बना कैमरों की पकड़ से बचने के लिए कच्चे रास्तों का इस्तेमाल करते। पहचान छिपाने के लिए सिर पर रूमाल बांधकर टोपी या हैलमेट पहनते। वारदात के बाद उपयोग में लिए गये ऊपरी वस्त्र रास्ते में ही फैंक देते या दुबारा उपयोग में नहीं लेते थे।
बैंक-ठेके को चिन्हित गूगल मैप से करते
वारदात के दौरान कभी भी मोबाईल फोन का उपयोग नहीं करते थे। घटना करने के लिए रास्तों व बैंकों व शराब ठेकों को गूगल मैप से चिन्हित करते थे। घटना में प्रयुक्त वाहन को घटना के बाद सामान्य रूप से कभी भी प्रयोग नहीं करते। घटना कारित करने के दौरान विरोध करने पर हथियार की नोक पर डराते, यहां तक फायर भी कर देते थे।
शेयर मार्केट में घाटा लगने से अपराध की दुनिया में किया प्रवेश
पाली के एक हॉस्टल में पढ़ाई के दौरान माता-पिता से ली गई 7-8 लाख रुपए दिनेश जाट ऑनलाइन स्टॉक मार्केट लगा दिये। घाटे में चले जाने, वहीं दूसरी तरफ माता-पिता द्वारा रकम वापस मांगने पर उसने अपने भाई प्रकाश जाट को बता कर चिंता जाहिर की।
पड़ोसी दोस्तों के साथ बनाया गिरोह
इस पर प्रकाश ने अपने पडौसी सुरेश मेघवाल व राकेश बिश्नोई के साथ मिलकर गैंग बना शराब ठेकों व बैंको से लूट करने की योजना बनाई। एक बार लूट की वारदात को सफलतापूर्ण अंजाम देने के परिणामस्वरूप इनका दुस्साहस बढ़ता गया और एक के बाद एक नियमित अंतराल में लूट की वारदातों को अंजाम देते रहें।
एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि आरोपी दिनेश जाट पुत्र भुंडाराम (20) और उसके भाई प्रकाश जाट (22) निवासी नायकों की ढाणी भावी थाना बिलाड़ा जिला जोधपुर को गिरफ्तार किया गया है। घटना के संबंध में तत्कालीन बैंक मैनेजर सरफराज द्वारा 29 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। 20-25 वर्ष के दो नकाबपोश युवक दिन में पिस्टल दिखाकर बैंक से 93 हजार 930 रुपये लूट कर बाइक से फरार हो गए थे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मीना व सीओ धन्नाराम के सुपरविजन एवं थानाधिकारी कुचेरा विमला के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा इस घटना का खुलासा कर आरोपी भाइयों दिनेश जाट और प्रकाश जाट को बापर्दा गिरफ्तार किया गया है।
तरीका ए वारदात
गिरफ्तार आरोपियो से गहनता से पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आये कि संलिप्त अपराधी अत्यंत ही शातिर प्रवृति के हैं। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए सुदूर स्थानों पर स्थित बैंकों को लक्ष्य बना कैमरों की पकड़ से बचने के लिए कच्चे रास्तों का इस्तेमाल करते। पहचान छिपाने के लिए सिर पर रूमाल बांधकर टोपी या हैलमेट पहनते। वारदात के बाद उपयोग में लिए गये ऊपरी वस्त्र रास्ते में ही फैंक देते या दुबारा उपयोग में नहीं लेते थे।
बैंक-ठेके को चिन्हित गूगल मैप से करते
वारदात के दौरान कभी भी मोबाईल फोन का उपयोग नहीं करते थे। घटना करने के लिए रास्तों व बैंकों व शराब ठेकों को गूगल मैप से चिन्हित करते थे। घटना में प्रयुक्त वाहन को घटना के बाद सामान्य रूप से कभी भी प्रयोग नहीं करते। घटना कारित करने के दौरान विरोध करने पर हथियार की नोक पर डराते, यहां तक फायर भी कर देते थे।
शेयर मार्केट में घाटा लगने से अपराध की दुनिया में किया प्रवेश
पाली के एक हॉस्टल में पढ़ाई के दौरान माता-पिता से ली गई 7-8 लाख रुपए दिनेश जाट ऑनलाइन स्टॉक मार्केट लगा दिये। घाटे में चले जाने, वहीं दूसरी तरफ माता-पिता द्वारा रकम वापस मांगने पर उसने अपने भाई प्रकाश जाट को बता कर चिंता जाहिर की।
पड़ोसी दोस्तों के साथ बनाया गिरोह
इस पर प्रकाश ने अपने पडौसी सुरेश मेघवाल व राकेश बिश्नोई के साथ मिलकर गैंग बना शराब ठेकों व बैंको से लूट करने की योजना बनाई। एक बार लूट की वारदात को सफलतापूर्ण अंजाम देने के परिणामस्वरूप इनका दुस्साहस बढ़ता गया और एक के बाद एक नियमित अंतराल में लूट की वारदातों को अंजाम देते रहें।
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