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विदेशी आतंकवादी लखबीर लंडा और सतबीर सत्ता से जुड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश; एक काबू

तरन तारन। पंजाब पुलिस ने विदेशी आतंकवादियों लखबीर सिंह उर्फ लंडा और सतबीर उर्फ सत्ता के साथ सम्बन्ध रखने वाले एक सक्रिय करिन्दे को गिरफ्तार किया है। उसके कब्ज़े से 10 पिस्तौलें बरामद करके इस मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पकड़े गए मुलजिम की पहचान गुरभेज सिंह उर्फ भेजा निवासी गाँव धुन्न ढाई वाला ज़िला तरन तारन के तौर पर हुई है। मुलजिम की आपराधिक पृष्टभूमि है। वह हाल ही में गोइन्दवाल साहिब केंद्रीय जेल से रिहा हुआ है। पुलिस ने एफआईआर में सुखदीप सिंह उर्फ सुख निवासी छेहरटा, अमृतसर, लखबीर सिंह उर्फ लंडा हरीके, सतनाम सिंह उर्फ सत्ता नौशेहरा, यादविन्दर सिंह उर्फ यादा और बागी सिंह को भी नामज़द किया है।
डीजीपी यादव ने बताया कि भरोसेमन्द सूत्रों से पता लगा था कि लंडा और सत्ता की तरफ से बताए गए ठिकाने से मुलजिम गुरभेज मैगज़ीनों समेत पिस्तौलें लेकर आ रहा है। इस पर तरन तारन पुलिस टीमों ने तुरंत जाल बिछाया। जब वह अपने मोटरसाईकल पर जा रहा था, तो उसे मौके पर ही गिरफ़्तार कर लिया। पुलिस टीमों ने उसका प्लैटिना मोटरसाईकल कब्ज़े में ले लिया है। उसके कब्ज़े में से थैला बरामद किया है जिस में सात .32 बोर और तीन .30 बोर सहित 10 पिस्तौलें थी।
सीनियर पुलिस कप्तान गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि मुलजिम गुरभेज भेजा ने अपने एक अन्य साथी सुखदीप सिंह उर्फ सुख जोकि इस समय पर केंद्रीय जेल गोइन्दवाल साहिब में बंद है, के साथ मिलकर लंडा और सत्ता की हिदायतों पर हथियार प्राप्त करने और राज्य में कत्ल सहित आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी। प्राथमिक जांच के अनुसार मुलजिम भेजा को पैसों की सख़्त ज़रूरत थी। गैंगस्टरों की तरफ से उसे काम देने का लालच दिया गया था। उन्होंने बताया कि मुलजिम भेजा गैंगस्टर यादविन्दर यादा और जर्मनी आधारित बागी सिंह के संपर्क में था। दोनों व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पकड़े गए मुलजिम की पहचान गुरभेज सिंह उर्फ भेजा निवासी गाँव धुन्न ढाई वाला ज़िला तरन तारन के तौर पर हुई है। मुलजिम की आपराधिक पृष्टभूमि है। वह हाल ही में गोइन्दवाल साहिब केंद्रीय जेल से रिहा हुआ है। पुलिस ने एफआईआर में सुखदीप सिंह उर्फ सुख निवासी छेहरटा, अमृतसर, लखबीर सिंह उर्फ लंडा हरीके, सतनाम सिंह उर्फ सत्ता नौशेहरा, यादविन्दर सिंह उर्फ यादा और बागी सिंह को भी नामज़द किया है।
डीजीपी यादव ने बताया कि भरोसेमन्द सूत्रों से पता लगा था कि लंडा और सत्ता की तरफ से बताए गए ठिकाने से मुलजिम गुरभेज मैगज़ीनों समेत पिस्तौलें लेकर आ रहा है। इस पर तरन तारन पुलिस टीमों ने तुरंत जाल बिछाया। जब वह अपने मोटरसाईकल पर जा रहा था, तो उसे मौके पर ही गिरफ़्तार कर लिया। पुलिस टीमों ने उसका प्लैटिना मोटरसाईकल कब्ज़े में ले लिया है। उसके कब्ज़े में से थैला बरामद किया है जिस में सात .32 बोर और तीन .30 बोर सहित 10 पिस्तौलें थी।
सीनियर पुलिस कप्तान गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि मुलजिम गुरभेज भेजा ने अपने एक अन्य साथी सुखदीप सिंह उर्फ सुख जोकि इस समय पर केंद्रीय जेल गोइन्दवाल साहिब में बंद है, के साथ मिलकर लंडा और सत्ता की हिदायतों पर हथियार प्राप्त करने और राज्य में कत्ल सहित आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी। प्राथमिक जांच के अनुसार मुलजिम भेजा को पैसों की सख़्त ज़रूरत थी। गैंगस्टरों की तरफ से उसे काम देने का लालच दिया गया था। उन्होंने बताया कि मुलजिम भेजा गैंगस्टर यादविन्दर यादा और जर्मनी आधारित बागी सिंह के संपर्क में था। दोनों व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
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