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50 दिन से गुमशुदा 17 वर्षीय नाबालिग और अपहरणकर्ता संदिग्ध व्यक्ति इन्दौर से दस्तयाब
एसपी डॉ अमृता दुहन ने बताया कि 20 सितम्बर को छोटी बोरखण्डी नयानोहरा निवासी एक महिला द्वारा थाना बोरखेडा पर रिपोर्ट दी गई कि उसकी नाबालिग बालिका रात 1 बजे के आस पास घर से लापता हो गई। महिला ने गांव के ही कुशान्त लश्करी पुत्र परमानन्द पर अपहरण का शक जताया। इस पर थाना बोरखेडा पर प्रकरण दर्ज कर नाबालिग बालिका एवं संदिग्ध कुशान्त की तलाश प्रारम्भ की गई।
काफी प्रयासों के बावजूद बालिका व आरोपी की कोई जानकारी नही मिलने पर गम्भीरता को देखते हुए 2 हजार रूपए नगद ईनाम की घोषणा कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला अपराध एवं अनुसंधान सैल कालुराम वर्मा के निर्देशन एवं प्रभारी मानव तस्करी विरोधी यूनिट शिमला गुर्जर के नेतृत्व में मानव तस्करी विरोधी युनिट की एक विशेष टीम का गठन किया गया। गठित विशेष टीम द्वारा नाबालिग बालिका एवं संदिग्ध कुशान्त की तलाश में कई संदिग्धों से पूछताछ की।
विशेष टीम के सदस्य कांस्टेबल दिनेश द्वारा छोटी बोरखण्डी से लेकर कोटा जक्शन तक के सीसीटीवी फुटेज चैक किए गए, कॉल डिटेल व सोशल मीडिया रिकॉर्ड प्राप्त कर उक्त समस्त तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया। जिसमें दोनों के उज्जैन पहुंचने के संकेत मिले। जहां बालिका एवं संदिग्ध के उज्जैन में कुछ दिन रूक कर आगे अन्यत्र जाने के साक्ष्य प्राप्त हुए।
इस पर उज्जैन एवं उज्जैन से बाहर जाने वाले रास्तों के सीसीटीवी कैमरे चैक किए गए तथा अन्य तकनीकी साक्ष्य प्राप्त कर उनके आधार पर मुखबिरों से जानकारी की तो इनके इन्दौर स्थित बाणगंगा थाना क्षेत्र में होने के पुख्ता साक्ष्य प्राप्त हुए।
जिस पर गठित विशेष टीम ने इन्दौर पहुँच बाणगंगा स्थित इण्डस्ट्रीयल एरिया एवं जिन एरिया में किरायेदार ज्यादा रहते हैं उन स्थानो पर लगातार 2 दिन तक तलाश कर दोनों को टीम ने भगत सिह नगर से डिटेन किया। कोटा लाकर आई थाना बोरखेडा टीम को अनुसंधान के लिए सुपुर्द किया।
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