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आईआईएम जम्मू और आईसीएमएआई ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर

आईसीएमएआई के परिषद सदस्य, सीएमए नवनीत कुमार जैन ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन व्यावसायिक शिक्षा को आगे बढ़ाने और लागत एवं प्रबंधन लेखांकन में भविष्य के लिए तैयार प्रतिभाओं को तैयार करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। उन्होंने विस्तार से बताया कि शैक्षणिक संसाधनों, शोध अंतर्दृष्टि और विशिष्ट प्रशिक्षण पद्धतियों को साझा करके, यह सहयोग इस पेशे में महत्वपूर्ण कौशल अंतराल को पाटने में मदद करेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह साझेदारी पेशेवरों को तेजी से विकसित होते व्यावसायिक माहौल में आगे रहने, उद्योग प्रथाओं में दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देने और सभी क्षेत्रों में निरंतर सीखने और विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगी।
आईसीएमएआई के सचिव (कार्यवाहक) सीएमए डॉ. देबप्रसन्ना नंदी ने कहा कि आईसीएमएआई इस समझौता ज्ञापन को व्यावसायिक विकास और ज्ञान प्रसार के अपने मिशन को आगे बढ़ाने में एक मील का पत्थर मानता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, आईआईएम जम्मू के साथ सहयोग, दोनों संस्थानों को समकालीन प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों को डिजाइन करने के लिए अपनी क्षमताओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन पहलों से न केवल लागत और प्रबंधन पेशेवरों को बल्कि छात्रों, अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेताओं के एक व्यापक वर्ग को भी लाभ होगा, जिससे सभी क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित होगा।
आईआईएम जम्मू के संकाय एवं अनुसंधान के डीन प्रो. जाबिर अली ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह साझेदारी संस्थान के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी, पाठ्यक्रम डिजाइन को समृद्ध करेगी और नवाचार के नए अवसर पैदा करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सहयोग अकादमिक शिक्षा को उद्योग प्रथाओं के साथ संरेखित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिससे ऐसे स्नातक तैयार होते हैं जो संगठनों और समाज में प्रभावी योगदान देने के लिए बेहतर रूप से तैयार होते हैं।
--आईएएनएस
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