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कांटा लगा....मिर्गी मुद्रा से निकलेगा एपिलेप्सी का कांटा !
मुंबई। कांटा लगा गर्ल....शेफाली जरीवाला ने इस गाने में अपने डांस मूव्स के जरिए लोगों को दीवाना बना दिया था, वह रातों रात स्टार बन गई थी, इसके बाद ढेरों काम के ऑफर भी आए। लेकिन, उनकी किस्मत ऐसी खराब रही कि वो किसी भी बड़े प्रोजक्ट का हिस्सा नहीं बन पाई।
खबर थी कि....मिर्गी की वजह से बर्बाद हुआ इस मशहूर एक्ट्रेस का करियर...चलते-फिरते पड़ने लगता था दौरा, पहचाना ? इसमें खुलासा हुआ था कि मिर्गी (एपिलेप्सी) शेफाली जरीवाला की कामयाबी में सबसे बड़ी बाधा बनी थी।
दरअसल साल 2020 में शेफाली ने खुद को लेकर ऐसा चौंका देने वाला खुलासा किया था, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया था। एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में अपनी हेल्थ के बारे में बात करते हुए बताया था कि- जब वो सिर्फ 15 साल की थी तभी से उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ने लगे थे।
शेफाली ने बताया था कि जब एक्ट्रेस पढ़ाई कर रही थी, तो उन पर अच्छे नंबर लाने का काफी प्रेशर था, ऐसे में वो स्ट्रेस और एंग्जाइटी का शिकार हो गई और उन्हें मिर्गी के दौरे आने लगे, ये दौरे उन्हें कभी भी किसी वक्त आ जाते थे।
इसी दौरान शेफाली ने ये भी बताया कि, जब उनका गाना ‘कांटा लगा’ सुपरहिट हुआ था तो उन्हें बहुत काम मिला, लेकिन वो उसे कर नहीं पाई, लोगों ने उनसे सवाल भी किए कि आप किसी और प्रोजेक्ट में क्यों नहीं नजर आती... तो इसकी वजह ये मिर्गी (एपिलेप्सी) के दौरे ही थे।
याद रहे...मिर्गी (एपिलेप्सी) एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें मस्तिष्क की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं से अनियंत्रित विद्युत संकेत बनने की वजह से बार-बार दौरे पड़ते हैं, मिर्गी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, जो विश्व की चौथी सबसे आम न्यूरोलॉजिकल बीमारी है।
मिर्गी (एपिलेप्सी) किसी भी व्यक्ति को, किसी भी उम्र में हो सकती है, लिहाजा जब भी इस रोग का पता चले, सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, बीसवीं सदी में इस रोग को लेकर बहुत शंकाएं-आशंकाएं थी, सही इलाज भी नहीं उपलब्ध था, लेकिन अब यह आसान है, नियमित इलाज से दोरों को नियंत्रित किया जा सकता है।
रोगों से राहत के लिए विभिन्न मुद्राएं भी हैं, यदि 'मिर्गी मुद्रा' करने के साथ ही अपने इष्ट देव का स्मरण किया जाए, तो रोग से राहत मिल सकती है- श्रीगणेश के भक्त मिर्गी मुद्रा के दौरान- जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा, आराधना कर सकते हैं।
शिवजी के भक्त मिर्गी मुद्रा के दौरान महा मृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्! देवीभक्त मिर्गी मुद्रा के दौरान इस मंत्र का जाप कर सकते हैं- रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्, त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति, हनुमानजी के भक्त मिर्गी मुद्रा के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद इसका जाप कर सकते हैं- नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।
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