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श्रिया पिलगांवकर बनीं ऑल लिविंग थिंग्स एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल की जूरी सदस्य, 4 दिसंबर से मुंबई में होगा आगाज

श्रिया का मानना है कि पर्यावरण का मुद्दा हमारी रोजमर्रा की जिंदगी, स्वास्थ्य और भविष्य से सीधा जुड़ा हुआ विषय है।
आईएएनएस से बात करते हुए श्रिया ने आगे कहा, ''यह फेस्टिवल मुझे याद दिलाता है कि कहानियों में वह शक्ति होती है जो सोच को बदल सकती है, दिमाग खोल सकती है, और हमें प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का एहसास करा सकती है।''
उन्होंने बताया कि जूरी की प्रक्रिया के दौरान उन्होंने कई प्रभावशाली फिल्में देखीं, जो नए नजरिए से सोचने और सीखने का मौका देती हैं।
बता दें कि इस फेस्टिवल में फीचर फिल्में, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स, और स्टूडेंट पर आधारित फिल्मों को दर्शकों के सामने लाया जाएगा। इन सभी फिल्मों का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि दर्शकों को प्रेरित करना, सोचने पर मजबूर करना और प्रकृति से जुड़ने का एहसास कराना है।
--आईएएनएस
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