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RRR को सोलो रिलीज मिलना मुश्किल, कमाई में होगी कटौती, वितरक भी देंगे कम पैसा!
एसएस राजामौली की फिल्म RRR का प्रदर्शन टलना न सिर्फ वितरकों के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है अपितु इस निर्णय से इसके निर्माताओं को भी लगभग 150-200 करोड़ के मध्य नुकसान होगा। गौरतलब है कि इस फिल्म के वितरण और दूसरे अधिकारों 890 करोड़ रुपये में बेचा गया है। यह रकम तब मिलना तय मानी जाती जब फिल्म अपने सही समय में प्रदर्शित हो जाती, लेकिन अब जब फिल्म आगे सरक गई है तो निर्माताओं को 890 करोड़ की राशि में नेगोसिएशन करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त राजामौली ने 7 जनवरी की प्रदर्शन तिथि को देखते हुए इसके प्रमोशन में ही कम से कम 20 करोड़ का खर्च कर दिया था। जो पूरी तरह बेकार चला गया है। यदि यह फिल्म अप्रैल या फिर सितम्बर (जिसकी सम्भावना ज्यादा नजर आती है) में प्रदर्शित होती है तो उन्हें अपनी फिल्म का बज बनाने के लिए दोबारा से प्रमोशन करना पड़ेगा जिस पर उम्मीद है कि वे 20 करोड़ से ज्यादा ही खर्च करेंगे। फिल्म की रिलीज में जितनी देर होगी उतना ही ब्याज का खर्च भी बढ़ता जाएगा। अब नए सिरे से रिलीज के वक्त कुछ डील्स रीनेगोशिएट होंगी। 7 जनवरी को इस फिल्म को सोलो रिलीज का फायदा मिल रहा था लेकिन, नए सिरे से रिलीज के वक्त यह फायदा नहीं मिला तो कमाई में और कमी हो सकती है। फिल्म की ओवरसीज में लगभग 10 करोड़ की एडवांस बुकिंग हो चुकी थी जिसका रिफंड देना होगा। यह 10 करोड़ सीधे-सीधे वितरकों को नुकसान है। इसकी वजह से अब भविष्य में ओवरसीज डील में भी रेट निगोशिएट हो सकते हैं। पुन: जब फिल्म प्रदर्शित होती है तब दर्शकों का क्या मानस बैठता है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। वैसे भी बार-बार अपनी प्रदर्शन तिथि को आगे सरकाने से इस फिल्म के प्रति दर्शकों का रुझान कम हो गया है। इसके अतिरिक्त एक और बात जो इन दिनों तो ज्यादा सुर्खियाँ नहीं पा रही है वह है फिल्म का सिनेमाघरों में प्रदर्शन के ठीक 4 सप्ताह बाद ओटीटी प्लेटफार्म पर आना। दर्शकों का कुछ प्रतिशत हिस्सा ऐसा हो गया जो अब सिनेमाघरों के स्थान पर फिल्म को ओटीटी प्लेटफार्म पर देखना ज्यादा पसन्द करता है। इसका कारण यह है कि यहाँ पर टिकट का अतिरिक्त पैसा नहीं देना पड़ रहा है।
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