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प्रदीप सरकार: जिक्र होते ही नजरों के सामने आती है परिणीता
—राजेश कुमार भगताणी
सिने उद्योग से दुखद खबरों का आना जारी है। आज सुबह ही प्रख्यात लेखक, निर्देशक प्रदीप सरकार के निधन का समाचार मिला। प्रदीप सरकार एक लेखक और निर्देशक थे जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में काम किया। प्रदीप सरकार ने अपने करियर की शुरूआत विधु विनोद चोपड़ा की प्रोडक्शन कंपनी विनोद चोपड़ा प्रोडक्शंस के साथ की।
प्रतिष्ठित एब्बी पुरस्कार, रैपा पुरस्कार और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रदीप सरकार ने 1979 में दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट से स्वर्ण पदक के साथ अपनी यात्रा शुरू की। मुख्यधारा के विज्ञापन में क्रिएटिव डायरेक्टर-आर्ट के रूप में 17 साल के कार्यकाल के बाद, उन्होंने अपना करियर शुरू किया। एक प्रशंसित विज्ञापन-फिल्म निर्माता के रूप में अपने प्रोडक्शन हाउस को दिल्ली के विज्ञापन हलकों में खोलकर निर्देशन की यात्रा।
प्रदीप के प्रोडक्शन हाउस ने अत्यधिक सफल विज्ञापनों की शूटिंग की; इनमें टाटा येलो पेजेज, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और ओनिडा केवाई थंडर शामिल हैं। ब्लैक एंड व्हाइट में शूट किए गए आज तक टीवी के विज्ञापनों ने उन्हें रैपा जीतने के अलावा, एब्बी में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी दिलाया।
विज्ञापनों के अलावा, प्रदीप सबसे अधिक मांग वाले और विपुल संगीत वीडियो निर्देशकों में से एक हैं। शुभा मुद्गल की अब के सावन, यूफोरिया की धूम पिचक धूम और माएरी, सुल्तान खान की पिया बसंती और भूपेन हजारिका की गंगा दृश्य अपील और कहानी कहने में उत्कृष्टता के मानक बन गए।
संगीत वीडियो, फीचर फिल्मी गाने और 1000 से अधिक विज्ञापनों के बाद, फीचर फिल्मों में उनके प्रवेश ने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित परिणीता का निर्माण किया, जिससे उन्हें निर्देशक श्रेणी की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म में प्रशंसित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। फिल्म को एक भावनात्मक, दृश्य और संगीतमय असाधारण के रूप में अत्यधिक प्रशंसित किया गया था और उस समय देश भर में पुरस्कार समारोहों में अधिकतम संख्या में नामांकन अर्जित किया था।
परिणीता का निर्माण विधु विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस ने किया था। परिणीता वर्ष 1914 में बंगाली उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के इसी नाम के बंगाली उपन्यास पर थी। फिल्म का स्क्रीनप्ले प्रदीप सरकार ने विधु विनोद चोपड़ा और अरनव चक्रवर्ती के साथ मिलकर लिखा था। फिल्म के संवाद रेखा निगम ने लिखे थे। इस फिल्म के लिए प्रदीप सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ-साथ स्क्रीन अवाड्र्स में बेस्ट डेब्यूटेंट निर्देशक और स्टारडस्ट अवाड्र्स में हॉटेस्ट यंग डायरेक्टर का पुरस्कार भी जीता। सबसे बड़ी बात यह रही कि परिणीता ने 5 फिल्मफेयर अवार्ड भी जीते।
परिणीता के बाद ही प्रदीप सरकार का विधु विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस से मोहभंग हो गया और उन्हें यशराज फिल्म्स के आदित्य चोपड़ा ने अपने साथ जोड़ लिया। आदित्य चोपड़ा के बैनर यशराज फिल्म्स के लिए प्रदीप सरकार ने तीन फिल्मों—लागा चुनरी में दाग, लफंगे परिंदे और मर्दानी का निर्देशन किया था। उनकी अन्तिम निर्देशित फिल्म काजोल अभिनीत ईला थी, जो अजय देवगन फिल्म्स द्वारा निर्मित की गई थी और अक्टूबर 2018 में रिलीज हुई थी।
प्रदीप सरकार 2003 से लेकर 2021 तक कुल आठ फिल्मों—मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003 सम्पादक), परिणीता (2005, निर्देशक, कला निर्देशक व पटकथाकार), एकलव्य (विजुअल निर्देशक), लागा चुनरी में दाग (2007, निर्देशक, लेखक व कला निर्देशक), लफंगे परिंदे (2010, निर्देशक), मर्दानी (2014, निर्देशक) हैलिकॉप्टर ईला (2018, निर्देशक) और उनकी अन्तिम फिल्म 2021 में जोखोन रात्रि नाम (যখন রাত্রি নামে) रही। यह एक पंजाबी फिल्म है, इस फिल्म के साथ प्रदीप सरकार एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूस के तौर पर जुड़े थे।
वर्ष 2019 से 2022 के मध्य प्रदीप सरकार ने वेब सीरीज में अपनी किस्मत आजमाइ। इस दौरान उन्होंने एकता कपूर के एल्ट बालाजी बैनर के लिए कोल्ड लस्सी और चिकन मसाला का निर्देशन किया। वर्ष 2020 और 2022 के मध्य उन्होंने जी5 के लिए—अरेंजड मैरिज, फॉरबिडन लव और दोरंगा का निर्देशन किया। इनमें वर्ष 2022 में प्रदर्शित हुई वेब सीरीज दोरंगा को सर्वाधिक सफलता प्राप्त हुई।
हिन्दी फिल्म उद्योग उनके सराहनीय कार्यों के लिए हमेशा उन्हें याद रखेगा। विशेष कर जब भी शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर बनी फिल्म परिणीता का जिक्र होगा, प्रदीप सरकार को विशेष रूप से याद किया जाएगा। इस उपन्यास पर बनी यह पहली फिल्म नहीं थी, अपितु प्रदीप सरकार से पहले इस पर निर्देशक अनिल गांगुली ने वर्ष 1976 में जितेन्द्र और सुलक्षणा पंडित को लेकर संकोच नामक फिल्म बनाई थी। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भी सफल रही थी, लेकिन उतनी नहीं जितनी प्रदीप सरकार के निर्देशन में बनी परिणीता रही थी।
सिने उद्योग से दुखद खबरों का आना जारी है। आज सुबह ही प्रख्यात लेखक, निर्देशक प्रदीप सरकार के निधन का समाचार मिला। प्रदीप सरकार एक लेखक और निर्देशक थे जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में काम किया। प्रदीप सरकार ने अपने करियर की शुरूआत विधु विनोद चोपड़ा की प्रोडक्शन कंपनी विनोद चोपड़ा प्रोडक्शंस के साथ की।
प्रतिष्ठित एब्बी पुरस्कार, रैपा पुरस्कार और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रदीप सरकार ने 1979 में दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट से स्वर्ण पदक के साथ अपनी यात्रा शुरू की। मुख्यधारा के विज्ञापन में क्रिएटिव डायरेक्टर-आर्ट के रूप में 17 साल के कार्यकाल के बाद, उन्होंने अपना करियर शुरू किया। एक प्रशंसित विज्ञापन-फिल्म निर्माता के रूप में अपने प्रोडक्शन हाउस को दिल्ली के विज्ञापन हलकों में खोलकर निर्देशन की यात्रा।
प्रदीप के प्रोडक्शन हाउस ने अत्यधिक सफल विज्ञापनों की शूटिंग की; इनमें टाटा येलो पेजेज, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और ओनिडा केवाई थंडर शामिल हैं। ब्लैक एंड व्हाइट में शूट किए गए आज तक टीवी के विज्ञापनों ने उन्हें रैपा जीतने के अलावा, एब्बी में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी दिलाया।
विज्ञापनों के अलावा, प्रदीप सबसे अधिक मांग वाले और विपुल संगीत वीडियो निर्देशकों में से एक हैं। शुभा मुद्गल की अब के सावन, यूफोरिया की धूम पिचक धूम और माएरी, सुल्तान खान की पिया बसंती और भूपेन हजारिका की गंगा दृश्य अपील और कहानी कहने में उत्कृष्टता के मानक बन गए।
संगीत वीडियो, फीचर फिल्मी गाने और 1000 से अधिक विज्ञापनों के बाद, फीचर फिल्मों में उनके प्रवेश ने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित परिणीता का निर्माण किया, जिससे उन्हें निर्देशक श्रेणी की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म में प्रशंसित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। फिल्म को एक भावनात्मक, दृश्य और संगीतमय असाधारण के रूप में अत्यधिक प्रशंसित किया गया था और उस समय देश भर में पुरस्कार समारोहों में अधिकतम संख्या में नामांकन अर्जित किया था।
परिणीता का निर्माण विधु विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस ने किया था। परिणीता वर्ष 1914 में बंगाली उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के इसी नाम के बंगाली उपन्यास पर थी। फिल्म का स्क्रीनप्ले प्रदीप सरकार ने विधु विनोद चोपड़ा और अरनव चक्रवर्ती के साथ मिलकर लिखा था। फिल्म के संवाद रेखा निगम ने लिखे थे। इस फिल्म के लिए प्रदीप सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ-साथ स्क्रीन अवाड्र्स में बेस्ट डेब्यूटेंट निर्देशक और स्टारडस्ट अवाड्र्स में हॉटेस्ट यंग डायरेक्टर का पुरस्कार भी जीता। सबसे बड़ी बात यह रही कि परिणीता ने 5 फिल्मफेयर अवार्ड भी जीते।
परिणीता के बाद ही प्रदीप सरकार का विधु विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस से मोहभंग हो गया और उन्हें यशराज फिल्म्स के आदित्य चोपड़ा ने अपने साथ जोड़ लिया। आदित्य चोपड़ा के बैनर यशराज फिल्म्स के लिए प्रदीप सरकार ने तीन फिल्मों—लागा चुनरी में दाग, लफंगे परिंदे और मर्दानी का निर्देशन किया था। उनकी अन्तिम निर्देशित फिल्म काजोल अभिनीत ईला थी, जो अजय देवगन फिल्म्स द्वारा निर्मित की गई थी और अक्टूबर 2018 में रिलीज हुई थी।
प्रदीप सरकार 2003 से लेकर 2021 तक कुल आठ फिल्मों—मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003 सम्पादक), परिणीता (2005, निर्देशक, कला निर्देशक व पटकथाकार), एकलव्य (विजुअल निर्देशक), लागा चुनरी में दाग (2007, निर्देशक, लेखक व कला निर्देशक), लफंगे परिंदे (2010, निर्देशक), मर्दानी (2014, निर्देशक) हैलिकॉप्टर ईला (2018, निर्देशक) और उनकी अन्तिम फिल्म 2021 में जोखोन रात्रि नाम (যখন রাত্রি নামে) रही। यह एक पंजाबी फिल्म है, इस फिल्म के साथ प्रदीप सरकार एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूस के तौर पर जुड़े थे।
वर्ष 2019 से 2022 के मध्य प्रदीप सरकार ने वेब सीरीज में अपनी किस्मत आजमाइ। इस दौरान उन्होंने एकता कपूर के एल्ट बालाजी बैनर के लिए कोल्ड लस्सी और चिकन मसाला का निर्देशन किया। वर्ष 2020 और 2022 के मध्य उन्होंने जी5 के लिए—अरेंजड मैरिज, फॉरबिडन लव और दोरंगा का निर्देशन किया। इनमें वर्ष 2022 में प्रदर्शित हुई वेब सीरीज दोरंगा को सर्वाधिक सफलता प्राप्त हुई।
हिन्दी फिल्म उद्योग उनके सराहनीय कार्यों के लिए हमेशा उन्हें याद रखेगा। विशेष कर जब भी शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर बनी फिल्म परिणीता का जिक्र होगा, प्रदीप सरकार को विशेष रूप से याद किया जाएगा। इस उपन्यास पर बनी यह पहली फिल्म नहीं थी, अपितु प्रदीप सरकार से पहले इस पर निर्देशक अनिल गांगुली ने वर्ष 1976 में जितेन्द्र और सुलक्षणा पंडित को लेकर संकोच नामक फिल्म बनाई थी। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भी सफल रही थी, लेकिन उतनी नहीं जितनी प्रदीप सरकार के निर्देशन में बनी परिणीता रही थी।
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