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द ताज स्टोरी के टीज़र रिलीज़ के साथ परेश रावल ने छेड़ी बहस, उठाए इतिहास, आस्था और आज़ादी पर बड़े सवाल

गौरतलब है कि “द ताज स्टोरी” को एक सशक्त सामाजिक ड्रामा के रूप में पेश किया जा रहा है, जो आज के समय की सबसे संवेदनशील सवाल उठाती है, और वो है 79 साल की आज़ादी के बाद भी क्या हम अब भी बौद्धिक आतंकवाद के गुलाम हैं? रोहित शर्मा और राहुल देव नाथ द्वारा संगीतबद्ध यह फिल्म सिर्फ एक ऐतिहासिक या पीरियड फिल्म नहीं है, बल्कि एक “सिनेमैटिक डिबेट” है, जो सामाजिक विचारों और ऐतिहासिक तथ्यों की पुनर्व्याख्या के माध्यम से दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है।
“द ताज स्टोरी” भारत के सिनेमाघरों में 31 अक्टूबर 2025 को भव्य रूप से रिलीज़ होगी। हालांकि यह तय है कि फिल्म रिलीज के साथ ही यह फिल्म एक ऐसी बहस को जन्म देगी, जो दर्शकों को न केवल इतिहास को, बल्कि आज़ादी और आस्था के मायनों को भी नए सिरे से देखने के लिए प्रेरित करेगी।
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