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कृष्णा श्रॉफ की ‘बमूलिया’ डायरी: “छोरियाँ चली गाँव” से जुड़ी दिल छू लेने वाली यादों की एक झलक

कुछ शांत पल भी कैद हुए हैं, जैसे दोस्तों के साथ सूर्यास्त देखना, बमूलिया की मिट्टी की खुशबू में खोए हुए और उस सादगी से जुड़ते हुए दिखाती हैं, जो किसी प्रतिस्पर्धा से कहीं आगे की चीज़ थी। उनकी पोस्ट में झलकता है वह सच्चा अपनापन और पुरानी यादों की मिठास, जिसने इस अनुभव को महज़ एक रियलिटी शो से कहीं ज़्यादा बना दिया।
यह कैरोसेल इस बात की याद दिलाता है कि कृष्णा ने छोरियाँ चली गाँव में बिताए समय को कितना प्यार किया। जिसमें उन्होंने न केवल यादगार पलों को दिखाया है, बल्कि सार्थक पलों को भी दर्शाया है - गाँव के खेती के अनुभवों से लेकर, जो उन्हें उनके पिता जैकी श्रॉफ के कृषि प्रेम से जोड़ते हैं, और गैजेट्स और स्मार्टफोन के बिना जीवन की सादगी में मिलने वाली खुशी।
उनके कमेंट सेक्शन में प्रशंसकों का प्यार उमड़ पड़ा, जिन्होंने पूरे शो के दौरान उनकी प्रामाणिकता की सराहना की, और कई लोगों ने बताया कि कैसे उनके सफर ने उन्हें जीवन के सरल सुखों को महत्व देने के लिए प्रेरित किया। अपनी भावनात्मक ट्रिब्यूट के साथ कृष्णा ने इस अध्याय को अलविदा कहा, जिससे यह स्पष्ट है कि बामुलिया उनके लिए सिर्फ़ एक जगह नहीं था। यह एक ऐसा सफ़र था जिसने उनके दिल पर अमिट छाप छोड़ी।
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