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कंगना रनौत ने एयरपोर्ट लुक्स को कहा 'बाय बाय'

मुंबई।अभिनेत्री कंगना रनौत ने एयरपोर्ट लुक्स को अलविदा कह दिया है। कंगना ने एयरपोर्ट लुक्स की अवधारणा को लोकप्रिय बनाने की भी जिम्मेदारी ली। कंगना ने इंस्टाग्राम पर भारत में एयरपोर्ट लुक्स का चलन शुरू करने की जिम्मेदारी ली और अपने कई पुराने फोटो शेयर किए। जिसके कैप्शन में कंगना ने लिखा, मैंने ही इस बेवकूफ एयरपोर्ट लुक्स की शुरुआत की थी और उन्होंने इसके लिए खुद को दोषी ठहराया। उन्होंने फिर खुद को पूंजीवाद का शिकार के रूप में टैग किया।
अभिनेत्री ने कहा कि पत्रिका के संपादकों और फैशन इंडस्ट्री के माध्यम से एक पश्चिमी महिला दिखने के लिए ब्रेनवाश किया गया ताकि मैं केवल अंतरराष्ट्रीय डिजाइनरों की जेब भर सकूं। पर्यावरण पर मेरी पसंद के प्रभाव के बारे में परवाह किए बिना हमेशा कपड़े खरीदने में शर्म आती है।
जबकि मैं एक बिंबो की तरह काम करती हूं, सिस्टम मुझे एक फैशनिस्टा के रूप में सम्मानित करता है, जो मुझे और अधिक अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। जबकि मेरे अपने लोग जैसे बुनकर और हस्तशिल्प पुरुष धीमी और स्थिर मौत मर रहे हैं। फिर वे चालाकी से मेरे द्वारा पहने जाने वाले हर चीज की कीमत लगाना शुरू कर देते हैं।
कंगना ने कहा कि फैशन ब्रांड सिर्फ कपड़े और बैग भेजकर आपको उनके लिए मुफ्त में काम करवाते हैं, वे पूरी सभ्यता की संस्कृतियों और परंपराओं को हाईजैक करना शुरू कर देते हैं।
कंगना ने खुद से सवाल किया कि अगर एक भारतीय महिला ऐसी दिखती है तो एक अमेरिकी महिला कैसी दिखती है। इस ट्रेंड को अलविदा कहते हुए उन्होंने कहा कि अलविदा एयरपोर्ट लुक, ऐसा लगता है कि हम उस चरण से आगे निकल गए हैं। अब समय आ गया है कि यदि मैं एक कपड़ा भी खरीद लूं, तो मैं खुद से पूछती हूं कि इससे कितने भारतीयों को फायदा होगा।(आईएएनएस)
अभिनेत्री ने कहा कि पत्रिका के संपादकों और फैशन इंडस्ट्री के माध्यम से एक पश्चिमी महिला दिखने के लिए ब्रेनवाश किया गया ताकि मैं केवल अंतरराष्ट्रीय डिजाइनरों की जेब भर सकूं। पर्यावरण पर मेरी पसंद के प्रभाव के बारे में परवाह किए बिना हमेशा कपड़े खरीदने में शर्म आती है।
जबकि मैं एक बिंबो की तरह काम करती हूं, सिस्टम मुझे एक फैशनिस्टा के रूप में सम्मानित करता है, जो मुझे और अधिक अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। जबकि मेरे अपने लोग जैसे बुनकर और हस्तशिल्प पुरुष धीमी और स्थिर मौत मर रहे हैं। फिर वे चालाकी से मेरे द्वारा पहने जाने वाले हर चीज की कीमत लगाना शुरू कर देते हैं।
कंगना ने कहा कि फैशन ब्रांड सिर्फ कपड़े और बैग भेजकर आपको उनके लिए मुफ्त में काम करवाते हैं, वे पूरी सभ्यता की संस्कृतियों और परंपराओं को हाईजैक करना शुरू कर देते हैं।
कंगना ने खुद से सवाल किया कि अगर एक भारतीय महिला ऐसी दिखती है तो एक अमेरिकी महिला कैसी दिखती है। इस ट्रेंड को अलविदा कहते हुए उन्होंने कहा कि अलविदा एयरपोर्ट लुक, ऐसा लगता है कि हम उस चरण से आगे निकल गए हैं। अब समय आ गया है कि यदि मैं एक कपड़ा भी खरीद लूं, तो मैं खुद से पूछती हूं कि इससे कितने भारतीयों को फायदा होगा।(आईएएनएस)
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