12 years of Raanjhanaa: Aanand L Rai timeless story that gave Dhanush a stellar Bollywood debut-m.khaskhabar.com
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रांझणा के 12 साल पूरे: आनंद एल राय की टाइमलेस कहानी जिसने धनुष को बॉलीवुड में शानदार शुरुआत दिलाई

khaskhabar.com: शनिवार, 21 जून 2025 3:38 PM (IST)
रांझणा के 12 साल पूरे: आनंद एल राय की टाइमलेस कहानी जिसने धनुष को बॉलीवुड में शानदार शुरुआत दिलाई
मुंबई। बारह साल पहले, निर्देशक आनंद एल राय ने एक ऐसी फिल्म रची, जो आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे भावनात्मक प्रेम कहानियों में गिनी जाती है - 'रांझणा'। 21 जून, 2013 को रिलीज़ हुई इस फिल्म में, धनुष, सोनम कपूर, अभय देओल, मोहम्मद जीशान अय्यूब और स्वरा भास्कर अहम भूमिकाएं निभाईं। लेकिन 'रांझणा' सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं थी यह प्रेम की परिभाषा को ही नए सिरे से गढ़ने वाली एक सृजनात्मक घोषणा थी, जिसमें प्यार की उलझनें, पागलपन और उसका जादू खुलकर सामने आया।

फिल्म के 12 साल पूरे होने पर हाल ही में मुंबई में एक विशेष स्क्रीनिंग और फैन मीट का आयोजन हुआ, जिसमें फिल्म ने अपने स्थायी प्रभाव का प्रमाण दिया, यह साबित करते हुए कि कुछ कहानियाँ फीकी नहीं पड़तीं, बल्कि समय के साथ और गहरी होती जाती हैं। 'रांझणा' के केंद्र में, प्रेम का गहन और बहुआयामी चित्रण था जिसमें मासूमियत भी थी, दीवानगी भी, दुखद भी, परिवर्तन भी और जीवनदायिनी शक्ति भी। लेकिन फिल्म निर्माता - निर्देशक आनंद एल राय इस कहानी को कहने में अकेले नहीं थे।
लेखक हिमांशु शर्मा की पैनी, परतदार और संवेदनशील पटकथा ने कुंदन और जोया की दुनिया को इतनी खूबसूरती और इंटेंसिटी से रचा कि वह कविता जैसी लगी और कहीं-कहीं दिल तोड़ने वाली भी। इस जोड़ी ने प्रेम को किसी सीधी-सादी परीकथा की तरह नहीं, बल्कि एक जटिल और कभी-कभी विनाशकारी शक्ति की तरह दिखाया, जो नियति को बदलने की ताकत रखती है। और फिर था फिल्म का संगीत — जो सिर्फ बैकग्राउंड स्कोर नहीं, बल्कि फिल्म की आत्मा थी। ए.आर. रहमान की रूह को छू लेने वाली धुनें और इरशाद कामिल के भावपूर्ण बोलों ने मिलकर ऐसा संगीत रचा जो कहानी जितना ही यादगार बन गया।
'रांझणा' का स्कोर व्यापक रूप से भारतीय सिनेमा में सबसे प्रिय और प्रतिष्ठित साउंडट्रैक में से एक माना जाता है, जिसने अपने समय के संगीत परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है। इस फिल्म की संस्कृति में दर्ज अपील इस बात में छिपी है कि इसने कभी प्रेम की अंधी दीवानगी को ग्लैमराइज़ नहीं किया — बल्कि उसकी कठिन सच्चाइयों को स्वीकार करते हुए, उसके बदलाव लाने वाले पहलुओं को भी सम्मान दिया। कुंदन कोई आदर्श नायक नहीं था, और जोया महज़ प्रेरणा का स्रोत नहीं — वे दोनों अधूरे, असमंजस से भरे, भावनाओं से लबरेज़ और सबसे महत्वपूर्ण, पूरी तरह से इंसानी किरदार थे। यही ईमानदारी आज भी दर्शकों के दिलों को छूती है।
रांझणा केवल रोमांस के बारे में एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह आनंद एल राय का एक घोषणापत्र था कि कैसे प्यार दोनों कर सकता है - आपको बना सकता है और आपको बर्बाद कर सकता है; यह खूबसूरत होने के साथ-साथ क्रूर भी हो सकता है। यह विरासत आज भी कायम है। इस साल नवंबर में आनंद एल राय रांझणा की मूल रचनात्मक टीम — धनुष, ए.आर. रहमान, हिमांशु शर्मा और इरशाद कामिल — के साथ वापसी कर रहे हैं, ‘तेरे इश्क़ में’ के साथ। यह उनका तीसरा सहयोग है।
कलर येलो प्रोडक्टशनस् द्वारा निर्मित यह फिल्म रांझणा की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी मानी जा रही है। 'तेरे इश्क में' दर्शकों को एक ऐसी दुनिया में वापस आमंत्रित करता है जहाँ प्यार सिर्फ एक एहसास नहीं है, बल्कि एक जवाबदेही है — पीड़ादायक, सर्वग्रासी और फिर से जलने को तैयार।

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