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उपभोक्ता शिकायतों को हल करने के ओला इलेक्ट्रिक के दावों की गंभीरता से जांच कर रही केंद्र सरकार
भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ईवी कंपनी के खिलाफ सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थी।
सूत्रों के हवाले से सीसीपीए की ओर से कहा गया कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन विक्रेता के दावे और शिकायतों को लेकर जांच की जा रही है। इसके बाद नियामक आसानी से ओला इलेक्ट्रिक के दावे की सत्यता जान पाएगा।
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि ओला इलेक्ट्रिक के अलावा एक अन्य ईवी कंपनी को शिकायतों को लेकर सीसीपीए की ओर से नोटिस दिया गया है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के समक्ष लंबित ईवी के खिलाफ शिकायतों का भी विश्लेषण किया जाएगा।
ओला इलेक्ट्रिक का शेयर सोमवार को लगभग 78 रुपये पर था, जो कि इसके सर्वकालिक उच्च स्तर 157.40 रुपये से लगभग 50 प्रतिशत कम है।
इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को पिछले एक साल में खराब उत्पाद और बिक्री के संबंधों में 10,000 से अधिक शिकायतें मिलने के बाद कंपनी को सीसीपीए से नोटिस भेजा गया था।
अगर ओला इलेक्ट्रिक के दावे नियामक को संतुष्ट करने में विफल रहते हैं, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और कथित तौर पर पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के तहत उसके इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलने वाली सब्सिडी से हाथ धोना पड़ सकता है।
सरकारी पोर्टल वाहन के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक ने सितंबर में 24,665 ई-स्कूटर बेचे हैं। अगस्त में यह आंकड़ा 27,587 था।
ओला इलेक्ट्रिक का मार्केट शेयर गिरने की वजह बाजार में प्रतिस्पर्धा का बढ़ना है। बड़ी ऑटो कंपनियां भी इलेक्ट्रिक दोपहिया सेक्टर में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक के ईवी में ग्राहकों को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और सर्विस सेंटर से जुड़ी समस्याएं हैं।
--आईएएनएस
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