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मारुति सुजुकी रेल वैगनों से कारों के परिवहन को बढ़ाएगी

चेन्नई | यात्री कार प्रमुख मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने भारतीय रेलवे के माध्यम से 2022 में 3.2 लाख से अधिक वाहनों का परिवहन किया है और हरियाणा (मानेसर) और गुजरात में अपनी सुविधाओं पर समर्पित रेलवे साइडिंग स्थापित कर रही है। कंपनी के अधिकारी ने यह जानकारी दी है। कंपनी ने पिछले साल रेल वैगनों का उपयोग कर 3.2 लाख से अधिक वाहनों की ढुलाई की, जो 2013 के बाद से एक कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक है, जब कंपनी को ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर (एएफटीओ) लाइसेंस मिला था।
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिसाशी टेकुची ने कहा, "आगे बढ़ते हुए, हमारा लक्ष्य इन संख्याओं को और बढ़ाना है। इसके लिए हम हरियाणा (मानेसर) और गुजरात में अपनी सुविधाओं पर समर्पित रेलवे साइडिंग स्थापित कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन तक पहुंचने के भारत सरकार के लक्ष्य के अनुरूप, हमने अपने व्यवसाय संचालन में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के अपने प्रयासों को बढ़ाया है। आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स में रेल मोड के उपयोग को बढ़ाने की हमारी रणनीति के परिणामस्वरूप कैलेंडर वर्ष 2022 में रेलवे का उपयोग करते हुए रिकॉर्ड 3.2 लाख वाहन भेजे गए हैं।"
उनके अनुसार, ट्रकों के बजाय रेलवे वैगनों के उपयोग के परिणामस्वरूप लगभग 1,800 मीट्रिक टन सीओ2 उत्सर्जन की भरपाई हुई है।
टेकुची ने टिप्पणी की, "इसके अलावा, हम वर्ष के दौरान 50 मिलियन लीटर से अधिक ईंधन बचाने में सक्षम रहे हैं जो हमारे देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में योगदान देता है।"
मारुति सुजुकी की कारों को ले जाने में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ रही है और पिछले कैलेंडर वर्ष में यह 2021 में 13.9 प्रतिशत/2.2 लाख यूनिट से 17.1 प्रतिशत अधिक थी।
एएफटीओ लाइसेंस मारुति सुजुकी को भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उच्च गति, उच्च क्षमता वाले ऑटोवैगन रेक बनाने और संचालित करने की अनुमति देता है।
मारुति सुजुकी देश भर में वाहनों के परिवहन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए 40 रेलवे रेक का उपयोग करती है।
प्रत्येक रेक की क्षमता 300 से अधिक वाहनों को ले जाने की है।(आईएएनएस)
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिसाशी टेकुची ने कहा, "आगे बढ़ते हुए, हमारा लक्ष्य इन संख्याओं को और बढ़ाना है। इसके लिए हम हरियाणा (मानेसर) और गुजरात में अपनी सुविधाओं पर समर्पित रेलवे साइडिंग स्थापित कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन तक पहुंचने के भारत सरकार के लक्ष्य के अनुरूप, हमने अपने व्यवसाय संचालन में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के अपने प्रयासों को बढ़ाया है। आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स में रेल मोड के उपयोग को बढ़ाने की हमारी रणनीति के परिणामस्वरूप कैलेंडर वर्ष 2022 में रेलवे का उपयोग करते हुए रिकॉर्ड 3.2 लाख वाहन भेजे गए हैं।"
उनके अनुसार, ट्रकों के बजाय रेलवे वैगनों के उपयोग के परिणामस्वरूप लगभग 1,800 मीट्रिक टन सीओ2 उत्सर्जन की भरपाई हुई है।
टेकुची ने टिप्पणी की, "इसके अलावा, हम वर्ष के दौरान 50 मिलियन लीटर से अधिक ईंधन बचाने में सक्षम रहे हैं जो हमारे देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में योगदान देता है।"
मारुति सुजुकी की कारों को ले जाने में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ रही है और पिछले कैलेंडर वर्ष में यह 2021 में 13.9 प्रतिशत/2.2 लाख यूनिट से 17.1 प्रतिशत अधिक थी।
एएफटीओ लाइसेंस मारुति सुजुकी को भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उच्च गति, उच्च क्षमता वाले ऑटोवैगन रेक बनाने और संचालित करने की अनुमति देता है।
मारुति सुजुकी देश भर में वाहनों के परिवहन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए 40 रेलवे रेक का उपयोग करती है।
प्रत्येक रेक की क्षमता 300 से अधिक वाहनों को ले जाने की है।(आईएएनएस)
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