Advertisement
विनायक चतुर्थी: जानिये किस विधि से करें पूजा, गणेश मंत्र का जरूर करें जाप
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 4 नवंबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह तिथि 5 नवंबर को रात 12 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत 5 नवंबर, मंगलवार को रखा जाएगा। जो भक्त 5 नवंबर को विनायक चतुर्थी का व्रत करेंगे, उन्हें पूजा के लिए 2 घंटे 11 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा। उस दिन विनायक चतुर्थी की पूजा का उचित समय सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में गणपति बप्पा की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए।
इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करें। स्नान के पश्चात घर और मंदिर की स्वच्छता का ध्यान रखें। सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। चौकी पर स्वच्छ वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। गणेश जी को फूल, धूप और अन्य सामग्री अर्पित करें। घी का दीप जलाकर आरती करें। इसके बाद मंत्रों और गणेश चालीसा का पाठ करें। गणेश जी से सुख, समृद्धि और धन की वृद्धि के लिए प्रार्थना करें। उन्हें फल, मोदक और मिठाई का भोग अर्पित करें। अंत में प्रसाद का वितरण करें।
विनायक चतुर्थी के अवसर पर मंत्रों का उच्चारण और गणेश चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस कारण, विनायक चतुर्थी पर गणेश मंत्र का जाप करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।।
नोट—यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खास खबर डॉट कॉम एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
यह भी प�?े
Advertisement
जीवन मंत्र
Advertisement