17 मार्च को किया जाएगा संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत

मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी विघ्न और परेशानियां दूर होती हैं। भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। महिलाएं संतान की अच्छी सेहत और लंबी आयु के लिए ये व्रत रखती हैं। इस दिन पूजा के समय कुछ विशेष चीजों का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी रूके हुए काम पूरे हो जाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत कल यानी 17 मार्च को रात 7 बजकर 33 मिनट पर हो रही है। वहीं इस चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 18 मार्च रात 10 बजकर 9 मिनट पर हो जाएगा। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय के समय पूजा की जाती है। ऐसे में कल ही भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
17 मार्च 2025 का शुभ मुहूर्त
चैत्र कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि- 17 मार्च 2025 को शाम 7 बजकर 34 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी
ध्रुव योग- 17 मार्च 2025 को दोपहर बाद 3 बजकर 45 मिनट तक
चित्रा नक्षत्र- 17 मार्च 2025 को दोपहर 2 बजकर 47 मिनट तक
17 मार्च 2025 व्रत-त्यौहार- संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय- सुबह 6:28 am
सूर्यास्त- शाम 6:30 pm
बप्पा को लगाएं इन चीजों का भोग
• संकष्टी चतुर्थी के दिन बप्पा को पूजा के समय बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि भगवान गणेश को ये भोग लगाने से करियर में नई ऊंचाइयां मिलती हैं। साथ ही जीवन से सारे दुख दूर हो जाते हैं।
• भगावन गणेश को मोदक बहुत प्रिय है, इसलिए संकष्टी चतुर्थी के दिन बप्पा को पूजा के समय मोदक का भोग अवश्य लगाना चाहिए।
• संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को मोतीचूर के लड्डू का भोग भी जरूर लागाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान को मोतीचूर के लड्डूओं का भोग लगाने से वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है।
• इस दिन भगवान गणेश को बूंदी के लड्डू का भोग भी लगाया जा सकता है। इस भोग को लगाने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और घर से नकारात्मकता दूर रहती है।
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