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संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, दो शुभ योग का निर्माण, इस मुहूर्त में करें गणेश की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस माह की चतुर्थी को काफी शुभ माना जाता है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिड्गल के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कृष्णपिड्गल स्वरुप में गणेश जी की पूजा की जाती है। इसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। आज दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। आज शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में पूजा-पाठ के लिए शुभ माना गया है।
आषाढ़ गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 जून मंगलवार रात 12 बजकर 50 मिनट पर और चतुर्थी तिथि का समापन 7 जून बुधवार रात 9 बजकर 50 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर गणेश चतुर्थी का व्रत 7 जून 2023 के दिन रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय 7 जून बुधवार रात 10 बजकर 50 मिनट पर होगा।
गणेश पूजा मंत्र - ऊं गं गणपते नमः - वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा। - ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपत्ये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
उत्तराषाढा नक्षत्र- 07 जून रात्रि 09 बजकर 02 मिनट तक
ब्रह्म योग- 07 जून रात्रि 10 बजकर 24 मिनट तक
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 02 मिनट से सुबह 04 बजकर 42 मिनट तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07 बजकर 16 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक
इंद्र योग प्रारंभ- 07 जून रात्रि 10 बजकर 24 मिनट से
अशुभ समय
राहुकाल- दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक
गुलिक काल- सुबह 10 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक
दिशा शूल- उत्तर
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय- सुबह 05 बजकर 23 मिनट से
सूर्यास्त- शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय
चंद्रोदय- रात्रि 10 बजकर 50 मिनट से
चन्द्रास्त- सुबह 08 बजकर 17 मिनट तक
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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