Not only are the calendars of 2025 and 1941 similar, many calendars are similar to 2025!-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Jul 9, 2025 6:00 am
Location
 
   राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सरकार से विज्ञापनों के लिए मान्यता प्राप्त

केवल 2025 और 1941 के कैलेंडर में ही समानता नहीं है, कई कैलेंडर 2025 जैसे ही हैं!

khaskhabar.com: शुक्रवार, 20 जून 2025 12:56 PM (IST)
केवल 2025 और 1941 के कैलेंडर में ही समानता नहीं है, कई कैलेंडर 2025 जैसे ही हैं!
मुंबई। इस वक्त 1941 का 84 साल पुराना कैलेंडर इसलिए चर्चाओं में है कि- 2025 और 1941 के कैलेंडर एक जैसे हैं और कई घटनाएं भी एक जैसी घटित हो रही हैं, लेकिन यह अर्ध-सत्य है, 1902, 1913, 1919, 1930, 1941, 1947, 1958, 1969, 1975, 1986, 1997, 2003 और 2014 के कैलेंडर भी 2025 जैसे ही हैं।

दुर्घटनाओं के लिए सितारों के समीकरण ज्यादा जिम्मेदार होते हैं, लेकिन इन तमाम वर्षों में सूर्य के अलावा अन्य ग्रहों की समानता का अभाव हैं, यही नहीं, वर्ष 2025 जहां युद्ध, अग्नि आदि के प्रतीक मंगल ग्रह के प्रभाव में है, लेकिन 1941 सहित शेष वर्ष मंगल के प्रभाव में नहीं हैं, लिहाजा.... यह महज इत्तफाक है, वैसे भी एक जैसा समय कभी लौटकर नहीं आता है, अलबत्ता.... 2025 पर सवालिया निशान इसलिए है कि एक तो यह मंगल प्रभावित वर्ष है।
दूसरा इस वक्त राहु-मंगल आमने-सामने हैं, तो शनि-मंगल का षडाष्टक योग बना है, जबकि आनेवाले समय में राहु-मंगल का षडाष्टक योग बनेगा, मतलब.... यह वर्ष 2025- अग्नि, तेल, धुआं पर आधारित दुर्घटनाओं, युद्ध आदि को लेकर सवालिया निशान बना है।
इस वक्त दुनिया में ईरान और इजरायल का युद्ध चल रहा है, इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध के हालात रहे हैं, तो अहमदाबाद विमान हादसा गंभीर जख्म दे गया हैं, उधर 1941 में दुनिया दूसरे विश्व युद्ध से गुजर रही थी, जब जापान से अमेरिका के पर्ल हार्बर पर अटैक किया था और दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हुई थी।
अन्य वर्षों पर नजर डालें, तो कई हादसे हुए हैं....
वर्ष 1902 में, मार्टीनिक में माउंट पेले और सेंट विंसेंट में माउंट सौफ्रिएर में विनाशकारी ज्वालामुखी विस्फोट हुए, माउंट पेले के विस्फोट में 30,000 से अधिक लोग मारे गए, जबकि माउंट सौफ्रिएर के विस्फोट में 1,500 से अधिक लोग मारे गए।
इसी तरह, वर्ष 1913 में वेल्स के सेनघेनीड में यूनिवर्सल कोलियरी में एक विस्फोट हुआ, जिसमें 439 कोयला खनिक मारे गए, जबकि.... तुर्की की सैनिक क्रांति में नाजिम पाशा मारे गये।
वर्ष 1919 में अमृतसर, पंजाब में जलियाँवाला बाग हत्याकांड में, ब्रिटिश और गोरखा सैनिकों ने 379 सिखों का नरसंहार किया।
वर्ष 1930 में सूर्य सेन के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने चटगांव में ब्रिटिश शस्त्रागार पर छापा मारा, जिसके बाद गोलीबारी में 80 से ज्यादा सैनिक और 12 क्रांतिकारियों की मौत हो गई।
वर्ष 1947 में भारत और पाकिस्तान आजाद तो हुए, लेकिन विभाजन ने मानवता को जो जख्म दिए, वे आज भी ताजा हैं।
वर्ष 1958 में, वावुनिया में तमिल राजनीतिक पार्टी के एक सम्मेलन के आयोजन की योजना बनाई गई थी, सम्मेलन के लिए बट्टिकलोआ और अम्पाराई से ट्रेन से यात्रा कर रहे तमिलों पर पोलोन्नारुवा में सिंहली भीड़ ने हमला किया, जिसके बाद, पूरे द्वीप में तमिलों के खिलाफ़ और हिंसा भड़क उठी, महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और तमिल संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, पनंथुरा में एक पुजारी को उसके कथिरवेलयुथा मंदिर में जिंदा जला दिया गया। कई तमिल घरों में आग लगा दी गई, इस नरसंहार में 300 से अधिक तमिल मारे गए।
वर्ष 1969 को लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद, बोइंग 727 सांता मोनिका खाड़ी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई, इसी तरह, व्नुकोवो हवाई अड्डा पर हुई एक विमान दुर्घटना में सवार 101 लोगों में से 16 की मृत्यु हो गई थी।
वर्ष 1975 में भारत में दो प्रमुख घटनाएं हुईंः 25 जून को आपातकाल की घोषणा और 27 दिसंबर को चासनल्ला खदान हादसा, आपातकाल, जो 21 मार्च 1977 तक चला, जबकि चासनल्ला खदान हादसा धनबाद, झारखंड में हुआ था, जिसमें 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
वर्ष 1986 में यूक्रेन में चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में एक रिएक्टर में विस्फोट हो गया, जिससे बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी पदार्थ वातावरण में फैल गए, यह इतिहास की सबसे भयानक परमाणु दुर्घटनाओं में से एक मानी जाती है, तो.... 28 जनवरी, 1986 को अमेरिकी अंतरिक्ष यान चैलेंजर लॉन्च होने के कुछ ही समय बाद फट गया, जिससे चालक दल के सभी सात सदस्यों की मौत हो गई।
वर्ष 1997 में इजरायल में दो हेलीकॉप्टर टकरा गए, जिसमें 73 लोग मारे गए, तो.... गुआम में एक विमान दुर्घटना में 229 लोग मारे गए, जबकि इसी वर्ष रूस में एक विमान दुर्घटना में 72 लोग मारे गए।
वर्ष 2014 में मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट 370 कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरने के एक घंटे से भी कम समय में हवाई-यातायात के रडार स्क्रीन से गायब हो गया, तो अमेरिका के मैनहट्टन शहर से 239 यात्रियों के साथ विमान आकाश में कहीं गायब हो गया!
- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 6367472963)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement