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Nov 11, 2024 9:35 pm
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जानिये आश्विन पूर्णिमा की पूजा-विधि और महत्व

khaskhabar.com : रविवार, 13 अक्टूबर 2024 4:36 PM (IST)
जानिये आश्विन पूर्णिमा की पूजा-विधि और महत्व
इस महीने की पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा के नाम से जाना जाएगा। उदया तिथि के चलते 17 अक्टूबर के दिन पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। हालांकि कई पंडितों और पुजारियों का कहना है कि शारदीय पूर्णिमा का व्रत 16 अक्टूबर को रखा जाएगा। पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी मां की पूजा-उपासना करने से घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य भी दिया जाता है। आइए जानते हैं आश्विन महीने की पूर्णिमा का मंत्र, महत्व, शुभ मुहूर्त, और पूजा-विधि-


पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें

भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी का जलाभिषेक करें

माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

अब मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें

मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें

आश्विन पूर्णिमा की व्रत कथा का पाठ करें

श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें

पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें

माता को खीर का भोग लगाएं

चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें

अंत में क्षमा प्रार्थना करें

मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः
आश्विन पूर्णिमा का महत्व
आश्विन पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान स्नान और दान करने का खास महत्व है। आश्विन पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आश्विन पूर्णिमा के दिन चंद्र देव और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने का विधान है। इसलिए आश्विन पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान किया जाता है।

नोट: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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