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एकादशी 2 दिन, 8 के बजाय 9 दिन के होंगे होलाष्टक

होलाष्टक सोमवार से शुरू हो गए हैं, जो 7 मार्च तक चलेंगे। इन 8 दिनों में कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे। सामान्यतया 8 दिन ही होलाष्टक रहते हैं लेकिन इस बार एकादशी तिथि 2 दिन होने के कारण होलाष्टक 9 दिन होंगे। एकादशी 2 मार्च को पूरे दिन व 3 मार्च को प्रात: 9.12 तक रहेगी। होलाष्टक में 9 दिन शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
इन दिनों में अष्टमी को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र रूप लिए कर्म प्रदान रहेंगे। धर्माचार्यों और पुरोहितों के अनुसार शास्त्रानुसार ग्रहों की इन अवस्थाओं में मांगलिक कार्य करना वर्जित बताया गया है। इन 9 दिनों में आम आदमी के लिए प्रतिकूल परिस्थितियाँ रहती हैं, इनसे छुटकारा पाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा आराधना एवं विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे बुध, 16 मार्च तक रहेंगे
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सोमवार शाम 4.46 पर व्यापारिक ग्रह बुध अपनी मित्र राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। कुंभ में बुध 16 मार्च तक रहेंगे जो कि शनि की राशि है। सूर्य औा शनि वहाँ पर पहले से ही विराजमान हैं। इसके दो दिन बाद 1 मार्च को बुध अस्त भी हो जाएंगे। अत: बुधादित्य योग बनने के बाद भी बुध अत्यन्त निर्बल रहेगा। अगले 18 दिन व्यापार, वाणिज्य, गणित, लेखनकार्य आदि अपने कारक विषयों में बुध मकर, वृश्चिक, कन्या, कर्क, वृषभ और मेष राशि के जातकों को बुध अल्प मात्रा में शुभफल प्रदान कर सकते हैं। शेष राशियों के लिए सामान्य फल समझना चाहिए।
इन दिनों में अष्टमी को चन्द्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र रूप लिए कर्म प्रदान रहेंगे। धर्माचार्यों और पुरोहितों के अनुसार शास्त्रानुसार ग्रहों की इन अवस्थाओं में मांगलिक कार्य करना वर्जित बताया गया है। इन 9 दिनों में आम आदमी के लिए प्रतिकूल परिस्थितियाँ रहती हैं, इनसे छुटकारा पाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा आराधना एवं विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे बुध, 16 मार्च तक रहेंगे
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सोमवार शाम 4.46 पर व्यापारिक ग्रह बुध अपनी मित्र राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। कुंभ में बुध 16 मार्च तक रहेंगे जो कि शनि की राशि है। सूर्य औा शनि वहाँ पर पहले से ही विराजमान हैं। इसके दो दिन बाद 1 मार्च को बुध अस्त भी हो जाएंगे। अत: बुधादित्य योग बनने के बाद भी बुध अत्यन्त निर्बल रहेगा। अगले 18 दिन व्यापार, वाणिज्य, गणित, लेखनकार्य आदि अपने कारक विषयों में बुध मकर, वृश्चिक, कन्या, कर्क, वृषभ और मेष राशि के जातकों को बुध अल्प मात्रा में शुभफल प्रदान कर सकते हैं। शेष राशियों के लिए सामान्य फल समझना चाहिए।
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