Dhanteras 2025: Take special precautions while shopping and buying utensils under the shadow of Shani Dev-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Nov 13, 2025 11:40 am
Location
 
   राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सरकार से विज्ञापनों के लिए मान्यता प्राप्त
Advertisement

Dhanteras 2025: शनि देव की छाया में खरीदारी, बर्तन लेते समय बरतें विशेष सावधानियां

khaskhabar.com: बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 2:45 PM (IST)
Dhanteras 2025: शनि देव की छाया में खरीदारी, बर्तन लेते समय बरतें विशेष सावधानियां
इस वर्ष धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर 2025 को शनिवार के दिन पड़ रहा है। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को आता है और वर्षभर के सबसे शुभ और समृद्धि लाने वाले दिनों में गिना जाता है। परंतु जब यह पर्व शनिवार को आए, तो इसका महत्व और भी विशेष हो जाता है, क्योंकि शनिवार का दिन कर्मफलदाता शनि देव को समर्पित होता है। यही कारण है कि इस बार धनतेरस केवल सोना-चांदी या बर्तन खरीदने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समय उस ग्रह के प्रभाव को भी समझने का है जो न्याय, अनुशासन और कर्म के लिए जाना जाता है – शनि देव। धनतेरस और पंचदेव पूजा का महत्व धनतेरस को केवल खरीदारी का दिन मानना इसकी गहराई को कम करके आंकना होगा। यह दिन स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के स्वागत का प्रतीक है। पारंपरिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए स्वास्थ्य की देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान धन्वंतरि की भी विशेष पूजा होती है। इसके अतिरिक्त भगवान गणेश, विष्णु, महादेव और ब्रह्मा की भी आराधना की जाती है। इस वर्ष चूंकि यह पर्व शनिवार को है, इसलिए शनि देव का पूजन भी जरूरी माना जा रहा है, ताकि उनके अशुभ प्रभावों से बचा जा सके और आने वाला वर्ष शांतिपूर्ण तथा सफल हो।
शनि देव का प्रभाव और खरीदारी में बरतें सावधानियां
जब धनतेरस जैसे शुभ दिन पर शनि देव की उपस्थिति हो, तो कुछ चीज़ों का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य हो जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार शनि का संबंध लोहे, काले रंग, तेल और चमड़े से होता है। ऐसे में इन वस्तुओं की खरीद इस दिन वर्जित मानी जाती है।
यदि कोई व्यक्ति इस दिन लोहे के बर्तन या औजार खरीदता है, तो इससे शनि की नाराजगी हो सकती है, जो आने वाले समय में जीवन में कठिनाइयों और बाधाओं को जन्म दे सकती है। इसी तरह, काले रंग के वस्त्र, सरसों का तेल या चमड़े से बनी वस्तुएं जैसे बेल्ट, पर्स या जूते आदि भी घर में नहीं लाने चाहिए। ये वस्तुएं न केवल ग्रह दोष को आमंत्रित करती हैं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में भी बाधा बन सकती हैं।
बर्तनों की खरीदारी पर रखें विशेष ध्यान
धनतेरस पर बर्तन खरीदना एक शुभ परंपरा मानी जाती है, जो घर में सुख-समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक है। लोग अक्सर स्टील के बर्तन खरीदते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि अधिकांश स्टील में लोहा मिश्रित होता है, जो शनि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में बेहतर होगा कि इस दिन आप तांबे, पीतल या चांदी के बर्तन खरीदें, जो न केवल शुभ माने जाते हैं बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा को भी आकर्षित करते हैं।
बर्तन खरीदने के बाद उसे खाली घर लाना भी अशुभ माना जाता है। यदि आप इस दिन बर्तन खरीदते हैं तो उसमें मिश्री, साबुत धनिया या जल डालकर घर लाना चाहिए। इससे न केवल उस वस्तु में शुभता का संचार होता है बल्कि यह धन-संपत्ति के आगमन का प्रतीक भी बनता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
इस बार धनतेरस का पर्व केवल भौतिक खरीदारी का अवसर नहीं है, बल्कि यह आत्म-शुद्धि और ग्रहों के प्रभाव को समझकर संतुलन बनाने का भी दिन है। शनि देव का साया यदि शुभ हो तो जीवन में अनुशासन, मेहनत और न्यायपूर्ण सफलता प्राप्त होती है। अतः इस दिन खरीदारी करते समय अपनी सोच, व्यवहार और चुनाव में संतुलन रखना न भूलें। धर्म और ज्योतिष के अनुसार की गई खरीदारी न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी होती है, बल्कि यह मानसिक शांति और ग्रहों के संतुलन का माध्यम भी बनती है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement