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मनोकामना अनुरूप करें गणेश प्रतिमा का चयन
देश भर में 31 अगस्त, बुधवार को गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जा रहा है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की घर-घर में स्थापना की जाती है। यह माना जाता है कि जहां पर लंबोदर विराजते हैं, वहां हर समय सुख-समृद्धि रहती है। स्थापना से पहले यह जान लेना जरूरी है कि गणेश जी का कौनसा स्वरुप आपके लिए शुभ रहेगा। हालांकि गणेश जी का प्रत्येक रूप सुख समृद्धि दर्शाता है। लेकिन प्रत्येक रूप किसी विशेष कार्य की सिद्धि से जुड़ा हुआ है। ऐसे में आपको अपनी मनोकामना के अनुसार, गणेशजी के स्वरूप का चयन करना चाहिए।
मुख्य द्वार के लिए
घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की पीठ मिलती हुई प्रतिमा लगाने से वास्तु दोष खत्म होता है। वास्तु के अनुसार घर के जिस भाग पर वास्तुदोष का असर हो उस स्थान पर घी और सिंदूर के मिश्रण से दीवार पर स्वास्तिक बनाने से वास्तुदोष का प्रभाव कम होता है।
घर में लगाएं ऐसी गणेश प्रतिमा
घर में गणेश जी की कभी भी ऐसे प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए जिसमें भगवान गणेशजी खड़े हुए हों। बैठे गणेशजी घर में सुख समृद्धि और सफलता लेकर आते हैं।
सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए
जो लोग घर में सुख समृद्धि और शांति चाहते है उन्हें घर में सफेद रंग के गणेश रखने चाहिए या सफेद रंग के गणेश जी की तस्वीर जरूर रखनी चाहिए।
विघ्न दूर करने के लिए
वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर जीवन में समस्याएं खत्म ही न हो रही हों या आपके कार्य बनते-बनते बिगड़ जाते हों अर्थात् आपके कार्यों में बाधा पड़ जाती हो तो गणेशजी की सिंदूरी रंग की प्रतिमा घर ले आएं।
संतान प्राप्ति के लिए
वास्तुशास्त्र के अनुसार, ऐसे जातक जिन्हें संतान नहीं है या जिन्हें संतान सुख की प्राप्ति है उन्हें गणेशजी की बाल रूप की प्रतिमा घर लानी चाहएि। माना जाता है कि अगर घर में बाल गणेश की प्रतिमा हो तो संतान सुख की प्राप्ति होती है।
सफलता पाने के लिए
अगर जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो गणेशजी की नृत्य मुद्रा वाली प्रतिमा रखनी चाहिए। मान्यता है कि गणेशजी की यह प्रतिमा घर में हो तो जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसके अलावा घर में धन-धान्य की भी वर्षा होती है।
व्यापार में तरक्की के लिए
यदि आप गणेश प्रतिमा अपने कार्यस्थल यानी दुकान या ऑफिस में रखना चाहते हैं तो खड़े हुए गणेशजी की प्रतिमा रखना बहुत ही शुभ होता है। इससे उस स्थान पर सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। उस काम में वृद्धि होती है और तरक्की होती है।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
मुख्य द्वार के लिए
घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की पीठ मिलती हुई प्रतिमा लगाने से वास्तु दोष खत्म होता है। वास्तु के अनुसार घर के जिस भाग पर वास्तुदोष का असर हो उस स्थान पर घी और सिंदूर के मिश्रण से दीवार पर स्वास्तिक बनाने से वास्तुदोष का प्रभाव कम होता है।
घर में लगाएं ऐसी गणेश प्रतिमा
घर में गणेश जी की कभी भी ऐसे प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए जिसमें भगवान गणेशजी खड़े हुए हों। बैठे गणेशजी घर में सुख समृद्धि और सफलता लेकर आते हैं।
सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए
जो लोग घर में सुख समृद्धि और शांति चाहते है उन्हें घर में सफेद रंग के गणेश रखने चाहिए या सफेद रंग के गणेश जी की तस्वीर जरूर रखनी चाहिए।
विघ्न दूर करने के लिए
वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर जीवन में समस्याएं खत्म ही न हो रही हों या आपके कार्य बनते-बनते बिगड़ जाते हों अर्थात् आपके कार्यों में बाधा पड़ जाती हो तो गणेशजी की सिंदूरी रंग की प्रतिमा घर ले आएं।
संतान प्राप्ति के लिए
वास्तुशास्त्र के अनुसार, ऐसे जातक जिन्हें संतान नहीं है या जिन्हें संतान सुख की प्राप्ति है उन्हें गणेशजी की बाल रूप की प्रतिमा घर लानी चाहएि। माना जाता है कि अगर घर में बाल गणेश की प्रतिमा हो तो संतान सुख की प्राप्ति होती है।
सफलता पाने के लिए
अगर जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो गणेशजी की नृत्य मुद्रा वाली प्रतिमा रखनी चाहिए। मान्यता है कि गणेशजी की यह प्रतिमा घर में हो तो जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसके अलावा घर में धन-धान्य की भी वर्षा होती है।
व्यापार में तरक्की के लिए
यदि आप गणेश प्रतिमा अपने कार्यस्थल यानी दुकान या ऑफिस में रखना चाहते हैं तो खड़े हुए गणेशजी की प्रतिमा रखना बहुत ही शुभ होता है। इससे उस स्थान पर सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। उस काम में वृद्धि होती है और तरक्की होती है।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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