Advertisement
भानु सप्तमी- भगवान भास्कर की आराधना से मिलेगी प्रतिष्ठा!
धर्मशास्त्रों में भानु सप्तमी के पर्व को सूर्य ग्रहण के समान प्रभावी बताया गया है, इसलिए इस दिन जप, होम, दान आदि करने पर उसका अनन्त शुभ फल प्राप्त होता है। जिनकी जन्म पत्रिका में सूर्यदेव अकारक हैं उन्हें इस अवसर पर गेहूं, स्वर्ण, गुड़ आदि का दान करना चाहिए। कार्य-व्यवसाय में प्रगति के लिए 1, 10, 19 और 28 जन्म दिनांक वालों को बंदरों को गुड़-चना देना चाहिए।
॥आरती श्री सूर्यदेव॥
जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन - तिमिर - निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर - मुनि - भूसुर - वन्दित,विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल - सुकर्म - प्रसविता,सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
यह भी प�?े
Advertisement
बांसवाड़ा
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement