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छठ पूजा का 3रा दिन: व्रती महिलाएँ आज शाम को मंत्रों का जप करते हुए डूबते सूर्य को देंगी अर्घ्य
छठ पूजा प्रमुख रूप से नदी और तालाबों के घाट पर की जाती है। इस दिन व्रती निर्जला व्रत करके शाम के वक्त सूर्य को अर्घ्य देते हैं। पूजा के लिए बांस की टोकरी या फिर सूप में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना और अन्य सामग्री रखी जाती है। इसके साथ लोक गीत गाते हुए छठ पूजा में विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। छठी मइया का ध्यान करते हुए व्रती महिलाएं पानी में खड़े होकर सूर्य देवता को प्रसाद अर्पित करती हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
छठ पूजा संध्या अर्घ्य देने का समय
हिंदी पंचांग के अनुसार आज शाम को छठ पूजा में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और कल सुबह यानी कि 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आज सूर्यास्त 5 बजकर 28 मिनट पर होगा। सूर्योदय 8 नवंबर को सुबह 6 बजकर 32 मिनट पर होगा।
अर्घ्य देते समय इस मंत्र का करें जप
तीसरे दिन संध्या अर्घ्य देते समय इन मत्रों का जप करें।
ओम घृणि: सूर्याय नमः
ओम आदित्य भास्कराय नमः
ओम सूर्याय नमः
ओम जपा कुसुम संकाशं: काश्यपेयं महाद्युतिम्, ध्वंतारी सर्व पाप बहना. प्रणतोऽस्मि दिवकरम. सहित
इम मे लोग अज्थेउइ
अर्घ्य देने की विधि
शाम के वक्त सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग करें। अर्घ्य देते वक्त आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन और लाल फूल डाल लें। इसके बाद ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
नोट—यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खास खबर डॉट कॉम एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।
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