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अनोखी शादी: न निमंत्रण कार्ड छपा, न घोड़ी पर बैठा दूल्हा, न फेरे हुए, सिर्फ 17 मिनट में बने एक-दूसरे के जीवन साथी
चंडीगढ़। यह एक ऐसी अनोखी शादी थी, जिसमें फेरे नहीं हुए। दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे को सिर्फ रक्षा सूत्र बांधे। कुल 17 मिनट की कार्यवाही में दोनों जिंदगी भर के लिए एक-दूसरे के हो गए। यह शादी हरियाणा के उस जींद शहर में हुई, जिसे विकास की दौड़ में काफी पिछड़ा माना जाता है।
शादी में किसी तरह का कोई ताम-झाम नहीं था।
जींद शहर के हरिनगर मोहल्ले में सुखदेव दास की बेटी सुनीता की शादी भीखेवाला गांव के मास्टर मनीराम के बेटे दीपक के साथ बेहद सादे माहौल में हुई। शादी में न कोई डीजे बजा, न दूल्हा घोड़ी पर बैठा। शादी के निमंत्रण पत्र भी नहीं छपवाए गए। कबीरपंथी संत रामपाल महाराज के निर्देशानुसार 17 मिनट के भीतर यह शादी सम्पन्न करवा दी गई।
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