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जमीन इंसानों की, कमाई कुत्तों की, है ना अजब मामला, आप भी पढि़ए

khaskhabar.com : शनिवार, 13 अगस्त 2022 1:06 PM (IST)
जमीन इंसानों की, कमाई कुत्तों की, है ना अजब मामला, आप भी पढि़ए
जमीनों से इंसानों को कमाते हुए देखा है। लेकिन क्या आपने कभी जमीनों से कुत्तों को कमाते हुए देखा, पढ़ा या सुना है। हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां इंसान करें ना करें लेकिन कुत्ते जरूर कमाई करते हैं। गांव में हर साल कुत्तों की करोड़ों की कमाई होती है और वे समय के साथ-साथ वे और भी अमीर होते जा रहे हैं। यह बात गुजरात के मेहसाणा स्थित पंचोट गाँव की है, जहाँ के कुत्ते गाँव में ट्रस्ट के नाम पड़ी जमीन से करोड़ों की कमाई करते हैं। इस ट्रस्ट के पास लगभग 70 कुत्ते हैं और जमीन की कीमत भी 70 करोड़ है अर्थात् हर कुत्ता 1 करोड़ का मालिक है।

करीब एक दशक से जब से इस गांव की जमीनों के दाम आसमान छूने लगे हैं, मेहसाणा बाईपास बनने का सबसे बड़ा फायदा गांव के कुत्तों को हुआ है। मढ़ नी पती कुतरिया ट्रस्ट के पास गांव की 21 बीघा जमीन है। खास बात ये है कि इस जमीन से होने वाली आय कुत्तों के नाम कर दी जाती है। इस जमीन की कीमत की बात करें, तो बाईपास के पास होने की वजह से इसकी कीमत करीब 3.5 करोड़ रुपये प्रति बीघा है। वहीं इस ट्रस्ट के पास करीब 70 कुत्ते हैं। ऐसे में हर कुत्ते के हिस्से में लगभग एक-एक करोड़ रुपये आते हैं।

ट्रस्ट के अध्यक्ष छगनभाई पटेल की माने तो, कुत्तों में ट्रस्ट का हिस्सा बांटने की परंपरा की जड़ गांव की सदियों पुरानी जीवदया प्रथा से जन्मी है, जो आज तक चलती आ रही है। असल में इस परंपरा की शुरुआत अमीर परिवारों ने की, जो दान दिए गए जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों से आरम्भ हुई थी। हालांकि, उस समय जमीनों की कीमत इतनी अधिक नहीं थी।

हैरानी की बात यह है कि लोगों ने टैक्स न चुका पाने की स्थिति में जमीन दान कर दी। इस जमीन का रख-रखाव पटेल किसानों के एक समूह ने करीब 70-80 साल पहले शुरू किया था, जो आज तक जारी है। ट्रस्ट के पास लगभग 70 साल पहले यह जमीन आई थी। बताया जाता है कि समय के साथ जैसे-जैसे गांव का विकास होता गया जमीन के दाम बढऩे लगे। ऐसे में लोगों ने भी जमीन दान करना बंद कर दिया। इन दान की गई जमीनों से होने वाली कमाई का उपयोग गांव में मौजूद कुत्तों और अन्य जानवरों की देख-रेख करने के लिए किया जाता है।

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