Samosas speak of silent Siyaram, fingers understand gestures-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 1:40 am
Location
Advertisement

खामोश सियाराम के बोलते हैं समोसे, इशारे समझती हैं उंगलियां

khaskhabar.com : बुधवार, 22 जनवरी 2020 12:06 PM (IST)
खामोश सियाराम के बोलते हैं समोसे, इशारे समझती हैं उंगलियां
गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के वजीरगंज कस्बे में चाय-पकौड़ी की दुकान करने वाला सियाराम भले ही खामोश है, उसे कानों से सुनाई नहीं देता, पर ग्राहकों के इशारे पर चलने वाली उसकी उंगलियां सब कुछ बोल, सुन और समझ लेती हैं।

बड़ा दरवाजा इलाके का निवासी 32 वर्षीय सियाराम विश्वकर्मा ने जो कुछ एक बार खिला दिया, दूसरी बार की मांग पर भी अपने द्वारा बनाए पकवान का पहले वाला स्वाद ही चखाता है।

दिव्यांग सियाराम विश्वकर्मा न बोल पाता है और न ही कान उसके काम आते हैं। जुबां खामोश है और कान होते हुए भी उनके न होने का आभास है। बावजूद इसके, ग्राहकों को सियाराम से कोई शिकायत नहीं है। उसके बनाए पकवानों के खामोश स्वाद को सभी महसूस करते हैं। इसके हाथों के हुनर का लोहा घर वाले भी मानते हैं।

चाय, समोसा और नमकपारा खाने वाले हर ग्राहक भी यह कहने को विवश हैं कि सियाराम की उंगलियों के तराजू किसी इलेक्ट्रनिक कांटा से कम नहीं है। दूसरी बार बनाई गई चीजों में डाली गई मात्रा पहले बनाई गई चीजों के बराबर ही होती है।

गोंडा-अयोध्या हाइवे पर वजीरगंज कस्बे में स्थिति स्टेट बैंक के पास टी स्टॉल है। बगल की सर्राफा दुकान वाले दिनेश मौर्य का कहना है कि आज से चार साल पहले छोटू ने जब दुकान खोला तो किसी को यह अंदाजा नहीं था कि वह इतनी तेजी से और चीजों को पकड़ लेगा। महज एक महीने में ही वह समोसा, नमकपारा बनाने का अभ्यस्त हो गया है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

1/2
Advertisement
Khaskhabar UP Facebook Page:
Advertisement
Advertisement