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‘हमारी फिल्मों में अश्लीलता नहीं, बिना देखे सवाल नहीं करना चाहिए’
लखनऊ। भोजपुरी सिनेमा की प्रसिद्ध अदाकारा आम्रपाली दुबे का कहना है कि खुद पर अत्याचार को कोई नहीं सहता है। इसके खिलाफ आवाज भी उठाता है, लेकिन उसमें सच्चाई का होना जरूरी है। आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि आजकल मीटू अभियान चल रहा है। कुछ जगहों से आवाजें भी उठी हैं। शायद उनके साथ वैसा बर्ताव हुआ होगा, लेकिन भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री इससे बिलकुल अछूती है।
अब तक ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। आम्रपाली ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, भोजपुरी इंडस्ट्री में कहीं भी ऐसी आवाज नहीं उठी है। भोजपुरी इंडस्ट्री अभी साफ-सुथरी है। इतने दिनों तक मेरे साथ भी कोई ऐसी घटना नहीं हुई है। मेरे जैसी कई अन्य अभिनेत्रियां भी अब तक इससे अनटच हैं। उन्होंने कहा कि स्त्री हो या पुरुष, दोनों को संघर्ष करना पड़ता है। इससे कोई अछूता नहीं है। जो अपने काम में निपुण हैं, आज उन्हीं को काम मिल रहा है।
जो काम नहीं जानते, वे काम न मिलने का शोर मचाते घूम रहे हैं। भोजपुरी इंडस्ट्री अपने काम में महारत वाले शख्स को बिना भेदभाव के काम देती है। आम्रपाली ने कहा कि हां, यह जरूर है कि कुछ एल्बम गानों की वजह से भोजपुरी फिल्में बदनाम हुई हैं। बावजूद इसके ज्यादातर परिवार के साथ बैठकर फिल्म देख सकते हैं। ज्यादातर फैमिली ड्रामा हैं। कई फिल्मों को सेंसर बोर्ड ने यू/ए सर्टिफिकेट भी दिया है।
उन्होंने भोजपुरी फिल्मों को हेयदृष्टि से देखे जाने की बात पर कहा कि मेरी पूरी कोशिश रहती है कि दर्शकों के बीच ऐसी फिल्में दूं, जिसे देखकर मुझे प्यार मिले, नफरत नहीं। ऐसी फिल्म हो, जिसे पूरा परिवार एक साथ बैठकर देख सके। आम्रपाली ने कहा कि भोजपुरी भाषा बहुत मीठी है। हमारी संस्कृति में रची-बसी है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बहुत मजबूत है। यहां भोजपुरी फिल्में खूब देखी जाती हैं। बीते पांच सालों में एक-आध फिल्म को छोडक़र मेरी हर फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट मिला है।
हमारी फिल्मों में अश्लीलता नहीं है। लोगों को बिना देखे सवाल नहीं करना चाहिए। भोजपुरी सिनेमा भी बॉलीवुड की तरह सशक्त बनेगा? इस सवाल पर आम्रपाली ने कहा कि आज भोजपुरी फिल्में लोग देश-विदेश में देख रहे हैं। बॉलीवुड फिल्म कम से कम 10 करोड़ रुपए के बजट वाली होती है, मगर भोजपुरी फिल्म महज कुछ लाख के बजट में बन जाती है। कम बजट के बावजूद फिल्में हिट होती हैं। इंटरनेट की दुनिया में भी भोजपुरी फिल्में तहलका मचा रही हैं। एक वीडियो को कई करोड़ लोग देख रहे हैं। इससे हमारी मजबूती सिद्ध होती है। कहानी और कान्सेप्ट अच्छे होते हैं तो लोग फिल्म जरूर देखते हैं।
अब तक ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। आम्रपाली ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, भोजपुरी इंडस्ट्री में कहीं भी ऐसी आवाज नहीं उठी है। भोजपुरी इंडस्ट्री अभी साफ-सुथरी है। इतने दिनों तक मेरे साथ भी कोई ऐसी घटना नहीं हुई है। मेरे जैसी कई अन्य अभिनेत्रियां भी अब तक इससे अनटच हैं। उन्होंने कहा कि स्त्री हो या पुरुष, दोनों को संघर्ष करना पड़ता है। इससे कोई अछूता नहीं है। जो अपने काम में निपुण हैं, आज उन्हीं को काम मिल रहा है।
जो काम नहीं जानते, वे काम न मिलने का शोर मचाते घूम रहे हैं। भोजपुरी इंडस्ट्री अपने काम में महारत वाले शख्स को बिना भेदभाव के काम देती है। आम्रपाली ने कहा कि हां, यह जरूर है कि कुछ एल्बम गानों की वजह से भोजपुरी फिल्में बदनाम हुई हैं। बावजूद इसके ज्यादातर परिवार के साथ बैठकर फिल्म देख सकते हैं। ज्यादातर फैमिली ड्रामा हैं। कई फिल्मों को सेंसर बोर्ड ने यू/ए सर्टिफिकेट भी दिया है।
उन्होंने भोजपुरी फिल्मों को हेयदृष्टि से देखे जाने की बात पर कहा कि मेरी पूरी कोशिश रहती है कि दर्शकों के बीच ऐसी फिल्में दूं, जिसे देखकर मुझे प्यार मिले, नफरत नहीं। ऐसी फिल्म हो, जिसे पूरा परिवार एक साथ बैठकर देख सके। आम्रपाली ने कहा कि भोजपुरी भाषा बहुत मीठी है। हमारी संस्कृति में रची-बसी है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बहुत मजबूत है। यहां भोजपुरी फिल्में खूब देखी जाती हैं। बीते पांच सालों में एक-आध फिल्म को छोडक़र मेरी हर फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट मिला है।
हमारी फिल्मों में अश्लीलता नहीं है। लोगों को बिना देखे सवाल नहीं करना चाहिए। भोजपुरी सिनेमा भी बॉलीवुड की तरह सशक्त बनेगा? इस सवाल पर आम्रपाली ने कहा कि आज भोजपुरी फिल्में लोग देश-विदेश में देख रहे हैं। बॉलीवुड फिल्म कम से कम 10 करोड़ रुपए के बजट वाली होती है, मगर भोजपुरी फिल्म महज कुछ लाख के बजट में बन जाती है। कम बजट के बावजूद फिल्में हिट होती हैं। इंटरनेट की दुनिया में भी भोजपुरी फिल्में तहलका मचा रही हैं। एक वीडियो को कई करोड़ लोग देख रहे हैं। इससे हमारी मजबूती सिद्ध होती है। कहानी और कान्सेप्ट अच्छे होते हैं तो लोग फिल्म जरूर देखते हैं।
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