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दिल्ली से उठी स्ट्रीट वेंडर्स के हकों की आवाज अब जयपुर में भी गूंज रही

इस दौरे में सीसीएस ने जीविका मोबाइल ऐप के बारे में बताया यह ऐप स्ट्रीट वेंडर्स को होने वाली रोजाना की परेशानियों में मदद करता है साथ ही वेंडर्स को नि: शुल्क कानूनी मदद प्रदान करता है। दिल्ली में यह एप लगभग 6500 स्ट्रीट वेंडर्स द्वारा उपयोग किया जा रहा हैं। इस एप के माध्यम स्ट्रीट वेंडर्स निःशुल्क क़ानूनी मदद का फायदा उठा पा रहे हैं। इस बैठक में सीसीएस के सीनियर फेलो नितेश आनंद ने कहा कि सीसीएस का मुख्य उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स को उनके हकों को दिलाना साथ ही स्ट्रीट वेंडर्स को इतना सशक्त बनाना की वह अपने हकों के लिए आवाज़ उठा सकें।
इस बैठक में जयपुर शहर के अलग-अलग बाजारों के विक्रेता नेता और जयपुर शहर की दोनों टीवीसी के सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक में रेहड़ी पटरी मामलों के जानकार और हेरिटेज सिटी थड़ी ठेला यूनियन जयपुर के अध्यक्ष बनवारी लाल ने नगर निगम के ग़लत रवैये के बारे में सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैसे निगम अपनी मर्जी से काम करता है और स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 और राजस्थान स्ट्रीट वेंडर्स नियामवली का पालन नहीं करता।
संजय गर्ग जो स्ट्रीट वेंडर्स के हकों के लिए निरंतर काम कर रहे हैं, ने बताया कि कैसे निगम वेंडर्स को परेशान करने के लिए उनका सामान जब्त कर लेता है और उनकी दुकानें बंद कर देता है। संजय ने बताया कि निगम की नजरों में स्ट्रीट वेंडर सिर्फ़ एक समस्या हैं। सीसीएस की तरफ़ से वाग्मी जो पेशे से वकील हैं, ने बताया कि कैसे निगम ने एक्ट और नियमों की अनदेखी कर वेंडर्स के हकों को ख़त्म करने का काम किया है।
वाग्मी ने आगे बताया कि कैसे निगम राजस्थान की नियमावली की सिर्फ़ उन चीजों को अपनातें है जिससे सिर्फ़ निगम को फायदा हो। जयपुर दौरे के दूसरे दिन सीसीएस की टीम जयपुर शहर के अलग-अलग बाजारों में जाकर वहाँ के वेंडरों से मिली और जानने की कोशिश की कि स्ट्रीट वेंडर्स को अपना रोजगार करने में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है और स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के 10 साल होने के बाद ज़मीन पर क्या बदलाब आए हैं।
इस दो दिवसीय दौरे में सीसीएस ने कई स्ट्रीट वेंडर्स से बात की, उनकी परेशानियों को समझा और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी परेशानियों को समाप्त करने और वेंडर्स की मदद करने के लिए सीसीएस हमेशा तैयार है।
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