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क्रिकेटेनमेंट में छाप छोड गए नीतीश राणा, क्रुणाल पांड्या, राहुल...

नई दिल्ली। क्रिकेटेनमेंट यानी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 10वां संस्करण खत्म हो गया। तकरीबन दो महीने तक चले क्रिकेट के इस त्योहार ने पूरे देश को अपने पांव पर खड़ा रखा। लेकिन रविवार रात मुंबई की जीत के साथ यह त्योहार खत्म हो गया। इस टूर्नामेंट के खत्म होने के साथ ही कुछ खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन से ऐसी छाप छोड़ कर गए जो हमेशा याद रहेंगे।
मुंबई इंडियंस के नीतीश राणा व क्रुणाल पांड्या, राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के राहुल त्रिपाठी व वॉशिंगटन सुंदर, सनराइजर्स हैदराबाद के मोहम्मद सिराज और इसी टीम के अफगानी लेग स्पिनर राशिद खान वो खिलाड़ी हैं जिनसे कुछ खास उम्मीदें नहीं थी लेकिन प्रदर्शन ऐसा किया कि अब देश का बच्चा-बच्चा इन्हें जानता है। फाइनल में मुंबई की टीम गहरे संकट में थी। उसका सौ के पार जाना भी मुश्किल लग रहा था, लेकिन इस संस्करण में उभरकर आए क्रुणाल पांड्या ने उसे ऐसे लक्ष्य तक पहुंचाया जिससे वे खिताबी लड़ाई लड़ सके।
क्रुणाल ने 13 मैचों में 34.71 की औसत से 243 रन बनाए हैं। इस युवा प्रतिभा ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अहम दिन यानी फाइनल के दिन दिया। फाइनल में उन्होंने 47 रनों की पारी खेली जो उनका इस आईपीएल में बल्ले से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। बल्ले के अलावा क्रुणाल ने गेंद से भी प्रभावी प्रदर्शन किया। उन्होंने 10 विकेट लिए और सिर्फ 6.82 की औसत से 273 रन दिए। फाइनल में वह मैन ऑफ द मैच चुने गए।
नीलामी में जब अफगानिस्तान के लेग स्पिनर राशिद के लिए जो कीमत अदा की गई थी उसे देखकर लगा था कि शायद हैदराबाद ने उन्हें ज्यादा कीमत दे दी। लेकिन राशिद ने अपने प्रदर्शन से साबित किया कि उन्हें जो चार करोड़ रुपये मिले उसके वह हकदार थे। अपनी मिस्ट्री लेग स्पिन से उन्होंने पूरे संस्करण में बल्लेबाजों को खूब छकाया और रन भी बनाने नहीं दिए।
टीम को जब जरूरत पड़ी राशिद ने विकेट भी निकाले। टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इस संस्करण में उन्होंने 14 मैच खेले और 17 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में छठे स्थान पर रहे। उन्होंने 6.62 की औसत से 358 रन दिए।
मुंबई इंडियंस के नीतीश राणा व क्रुणाल पांड्या, राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के राहुल त्रिपाठी व वॉशिंगटन सुंदर, सनराइजर्स हैदराबाद के मोहम्मद सिराज और इसी टीम के अफगानी लेग स्पिनर राशिद खान वो खिलाड़ी हैं जिनसे कुछ खास उम्मीदें नहीं थी लेकिन प्रदर्शन ऐसा किया कि अब देश का बच्चा-बच्चा इन्हें जानता है। फाइनल में मुंबई की टीम गहरे संकट में थी। उसका सौ के पार जाना भी मुश्किल लग रहा था, लेकिन इस संस्करण में उभरकर आए क्रुणाल पांड्या ने उसे ऐसे लक्ष्य तक पहुंचाया जिससे वे खिताबी लड़ाई लड़ सके।
क्रुणाल ने 13 मैचों में 34.71 की औसत से 243 रन बनाए हैं। इस युवा प्रतिभा ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अहम दिन यानी फाइनल के दिन दिया। फाइनल में उन्होंने 47 रनों की पारी खेली जो उनका इस आईपीएल में बल्ले से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। बल्ले के अलावा क्रुणाल ने गेंद से भी प्रभावी प्रदर्शन किया। उन्होंने 10 विकेट लिए और सिर्फ 6.82 की औसत से 273 रन दिए। फाइनल में वह मैन ऑफ द मैच चुने गए।
नीलामी में जब अफगानिस्तान के लेग स्पिनर राशिद के लिए जो कीमत अदा की गई थी उसे देखकर लगा था कि शायद हैदराबाद ने उन्हें ज्यादा कीमत दे दी। लेकिन राशिद ने अपने प्रदर्शन से साबित किया कि उन्हें जो चार करोड़ रुपये मिले उसके वह हकदार थे। अपनी मिस्ट्री लेग स्पिन से उन्होंने पूरे संस्करण में बल्लेबाजों को खूब छकाया और रन भी बनाने नहीं दिए।
टीम को जब जरूरत पड़ी राशिद ने विकेट भी निकाले। टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इस संस्करण में उन्होंने 14 मैच खेले और 17 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में छठे स्थान पर रहे। उन्होंने 6.62 की औसत से 358 रन दिए।
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