Uproar in the House and on the streets - Congress big question to the government - Do defeated candidates fall in the category of public representatives-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Dec 4, 2024 8:34 am
Location
Advertisement

सदन में सड़कों पर हंगामा - कांग्रेस का सरकार से बड़ा सवाल- क्या हारे हुए प्रत्याशी जनप्रतिनिधि की श्रेणी में आते हैं

khaskhabar.com : सोमवार, 15 जुलाई 2024 1:58 PM (IST)
सदन में सड़कों पर हंगामा - कांग्रेस का सरकार से बड़ा सवाल- क्या हारे हुए प्रत्याशी जनप्रतिनिधि की श्रेणी में आते हैं
विधानसभा संवाददाताजयपुर। राजस्थान में विधायकों की अनुशंसा पर सड़कें नहीं बनाए जाने को लेकर सोमवार को सदन में पक्ष-विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस की ओऱ से विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सरकार से सवाल किया कि क्या जो प्रत्याशी विधानसभा का चुनाव हार गए हैं, वे जन प्रतिनिधि की परिभाषा में आते हैं? फिर उन विधायकों की क्या स्थिति है जिन्हें जनता ने चुनकर सदन में भेजा है और वे यहां बैठकर पूरे राजस्थान का बजट पास कर रहे हैं।



दरअसल, शून्यकाल में टीकाराम जूली ने विशेष उल्लेख के तहत यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि परंपरानुसार सावर्जनिक निर्माण विभाग समेत विभिन्न विभागों द्वारा हर साल करोड़ों रुपए के बजट से सड़कें बनाई जाती हैं। इसमें विधायकों से भी उनके क्षेत्र में सड़कें बनाए जाने की अनुशंसा ली जाती है। इस संबंध में पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से एक परिपत्र भी जारी किया गया है। इसमें संबंधित विभागों और इंजीनियरों को निर्देशित किया गया है कि सड़कों के संबंध में क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से भी प्रस्ताव लिए जाएं। लेकिन, अधिकारी विधायक के बजाय भाजपा के हारे हुए प्रत्याशियों से प्रस्ताव लेकर उन्हें तरजीह दे रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि क्या हारे हुए प्रत्याशी जन प्रतिनिधि की परिभाषा में आते हैं।


टीकाराम जूली के इतना कहते ही सत्तापक्ष के कई सदस्य एक साथ खड़े हो गए और इस बात का जोरदार तरीके से प्रतिरोध किया। कांग्रेस के सदस्यों ने भी इसका सत्तापक्ष की तरह ही प्रतिवाद किया। इससे सदन में भारी हंगामे की स्थिति बन गई। शोरगुल और हंगामे के बीच कुछ मंत्रियों को यह कहते हुए सुना गया कि पिछली सरकारों में भी ऐसा होता रहा है। कांग्रेस के समय भी पार्टी के हारे हुए प्रत्याशियों को इसी तरह से महत्व दिया जाता रहा है। तब क्यों नहीं विरोध किया गया। इस बीच आसन से अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अगले वक्ता के नाम पुकार लिया और कांग्रेस के सदस्यों को अपनी सीटों पर जाकर बैठने की व्यवस्था दी। लंच के समय स्पीकर के कक्ष में कांग्रेसी सदस्यों की बात सुने जाने के आश्वासन पर कांग्रेस विधायकों ने अपना प्रतिरोध समाप्त किया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement