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यूपी चुनाव - बुंदेलखंड में भाजपा के लिए 2017 को देाहराने और विपक्ष को खाता खोलने की चुनौती

झांसी । उत्तर प्रदेश के विधानसभा
चुनाव में इस बार बुंदेलखंड में रोचक मुकाबला होने के आसार बन रहे है, यहां
भाजपा के सामने वर्ष 2017 के नतीजों को दोहराने की चुनौती है तो विपक्ष के
लिए खाता खोलने का सवाल बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सात जिले झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर,
बांदा, महोबा और चित्रकूट आते है। यहां कुल 19 विधानसभा क्षेत्र है। वर्ष
2017 के विधानसभा के चुनाव में सभी सीटों पर भगवा फहराया था और विपक्ष का
खाता भी नहीं खुला था। किसी दौर में यह इलाका बसपा का गढ़ माना जाता रहा
है।
इस इलाके पर नजर डालें तो एक बात साफ हो जाती है कि यहां के सभी निर्वाचित पदों पर भाजपा का कब्जा है। चाहे बात 19 विधानसभा क्षेत्रों की हो या चार लेाकसभा और सात जिला पंचायत अध्यक्षों के पदों की, सभी पदों पर भाजपा के लोग काबिज है।
बुंदेलखंड की 19 सीटों पर मतदान तीसरे चरण 20 फरवरी और चैथे चरण 23 फरवरी को हेाने वाले है। अभी तक उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं हो पाया है। यहां चारों दल भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा अपना जोर लगाने में पीछे नहीं रहने वाले।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव रोचक रहने वाले है क्योंकि किसी भी दल के पक्ष में एकतरफा माहौल नहीं है, वहीं सत्ताधारी दल के खिलाफ असंतोष नजर नहीं आ रहा है। कुल मिलाकर पूरा चुनाव राज्य के नेतृत्व और उम्मीदवारों के चयन पर टिका रहने वाला है। यही कारण है कि सभ्ीा दल उम्मीदवारों के चयन को खास महत्व दे रहे है।
सत्ताधारी दल भाजपा की कोशिश यही है कि वर्ष 2017 को यहां दोहराया जाए, तो दूसरी और तीनों प्रमुख विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस भी जोर लगाने में पीछे नहीं है। वे किसी तरह यहां खाता खोलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आतुर है।
--आईएएनएस
इस इलाके पर नजर डालें तो एक बात साफ हो जाती है कि यहां के सभी निर्वाचित पदों पर भाजपा का कब्जा है। चाहे बात 19 विधानसभा क्षेत्रों की हो या चार लेाकसभा और सात जिला पंचायत अध्यक्षों के पदों की, सभी पदों पर भाजपा के लोग काबिज है।
बुंदेलखंड की 19 सीटों पर मतदान तीसरे चरण 20 फरवरी और चैथे चरण 23 फरवरी को हेाने वाले है। अभी तक उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं हो पाया है। यहां चारों दल भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा अपना जोर लगाने में पीछे नहीं रहने वाले।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव रोचक रहने वाले है क्योंकि किसी भी दल के पक्ष में एकतरफा माहौल नहीं है, वहीं सत्ताधारी दल के खिलाफ असंतोष नजर नहीं आ रहा है। कुल मिलाकर पूरा चुनाव राज्य के नेतृत्व और उम्मीदवारों के चयन पर टिका रहने वाला है। यही कारण है कि सभ्ीा दल उम्मीदवारों के चयन को खास महत्व दे रहे है।
सत्ताधारी दल भाजपा की कोशिश यही है कि वर्ष 2017 को यहां दोहराया जाए, तो दूसरी और तीनों प्रमुख विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस भी जोर लगाने में पीछे नहीं है। वे किसी तरह यहां खाता खोलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आतुर है।
--आईएएनएस
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