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राजस्थान के जयपुर व कोटा में पीएफआई के दो कार्यालय सील

जयपुर/दिल्ली| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राजस्थान में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो कार्यालयों को सील कर दिया है। 10 बैंक खातों पर भी रोक लगा दी है, एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए राजस्थान में पीएफआई नेताओं और कैडरों द्वारा रची गई आपराधिक साजिश की जांच कर रही है, जिनका मकसद देश में विभिन्न समुदायों के बीच कट्टरपंथीकरण के जरिए खाई पैदा करना है। अधिकारी ने कहा, प्रतिबंधित संगठन भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी देता रहा है। वह 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के अंतिम उद्देश्य के साथ आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए धन जुटाते रहे हैं।
इससे पहले, 13 मार्च को एनआईए ने मामले के संबंध में दो व्यक्तियों- कोटा के मोहम्मद आसिफ उर्फ आसिफ और बारां के सादिक सर्राफ के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। अधिकारी ने कहा कि सितंबर 2022 में दर्ज मामले की जांच के दौरान पता चला कि पीएफआई के जयपुर और कोटा स्थित कार्यालयों का इस्तेमाल आतंकी प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन के लिए किया जा रहा था।
इन प्रशिक्षुओं, ज्यादातर युवा मुस्लिम युवाओं को सिर, गर्दन और छाती सहित शरीर के कमजोर बिंदुओं को निशाना बनाकर हमला करने, और हत्या करने के लिए खतरनाक हथियारों, जैसे चाकू और तलवार के इस्तेमाल में कट्टरपंथी और प्रशिक्षित किया जा रहा था।
अधिकारी ने कहा- इसलिए, जयपुर और कोटा में पीएफआई कार्यालयों को यूए(पी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत 'आतंकवाद की आय' के रूप में संलग्न किया गया। एनआईए द्वारा आज कुर्क की गई संपत्तियों में राजस्थान के जयपुर में मोती डूंगरी रोड पर पंजाब नेशनल बैंक के पास हाउस नंबर 256 में स्थित पीएफआई कार्यालय और लालजी घाटी लाडपुरा कोटा के मदरसा फुरकानिया में अराकेन बड़ी मस्जिद के पास पीएफआई कार्यालय शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए राजस्थान में पीएफआई नेताओं और कैडरों द्वारा रची गई आपराधिक साजिश की जांच कर रही है, जिनका मकसद देश में विभिन्न समुदायों के बीच कट्टरपंथीकरण के जरिए खाई पैदा करना है। अधिकारी ने कहा, प्रतिबंधित संगठन भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी देता रहा है। वह 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के अंतिम उद्देश्य के साथ आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए धन जुटाते रहे हैं।
इससे पहले, 13 मार्च को एनआईए ने मामले के संबंध में दो व्यक्तियों- कोटा के मोहम्मद आसिफ उर्फ आसिफ और बारां के सादिक सर्राफ के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। अधिकारी ने कहा कि सितंबर 2022 में दर्ज मामले की जांच के दौरान पता चला कि पीएफआई के जयपुर और कोटा स्थित कार्यालयों का इस्तेमाल आतंकी प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन के लिए किया जा रहा था।
इन प्रशिक्षुओं, ज्यादातर युवा मुस्लिम युवाओं को सिर, गर्दन और छाती सहित शरीर के कमजोर बिंदुओं को निशाना बनाकर हमला करने, और हत्या करने के लिए खतरनाक हथियारों, जैसे चाकू और तलवार के इस्तेमाल में कट्टरपंथी और प्रशिक्षित किया जा रहा था।
अधिकारी ने कहा- इसलिए, जयपुर और कोटा में पीएफआई कार्यालयों को यूए(पी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत 'आतंकवाद की आय' के रूप में संलग्न किया गया। एनआईए द्वारा आज कुर्क की गई संपत्तियों में राजस्थान के जयपुर में मोती डूंगरी रोड पर पंजाब नेशनल बैंक के पास हाउस नंबर 256 में स्थित पीएफआई कार्यालय और लालजी घाटी लाडपुरा कोटा के मदरसा फुरकानिया में अराकेन बड़ी मस्जिद के पास पीएफआई कार्यालय शामिल हैं।
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