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यूपी में कर्ज का किस्त न भरने पर ट्रक मालिक को आग के हवाले किया

जौनपुर । उत्तर प्रदेश में एक ट्रक मालिक को किस्त न जमा करने पर आग के हवाले किए
जाने की घटना सामने आई है। जौनपुर जिले के एक फाइनांसर ने ट्रक मालिक
द्वारा भुगतान नहीं किए जाने पर घटना को अंजाम दिया। दो हमलावरों को हिरासत
में ले लिया गया है।
पीड़ित सत्य प्रकाश राय (51) को बुधवार को घनश्यामपुर इलाके में आग के
हवाले कर दिया गया। हालांकि वहां मौजूद चश्मदीदों ने दो आरोपियों को पकड़
लिया, बाकी आरोपी भाग खड़े हुए।
थाना प्रभारी (एसओ) बदलापुर श्रीजेश यादव ने कहा कि दो लोग पुलिस हिरासत में हैं, वहीं राय को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ट्रक पर पिता के साथ मौजूद राय के बेटे श्यामानंद ने संवाददाताओं को बताया कि वे मध्यप्रदेश के रीवा से कंक्रीट लोड करके आजमगढ़ लौट रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब उनका ट्रक बदलापुर से गुजर रहा था, तो कुछ कार सवार लोगों ने उन्हें रोका और खुद को फाइनेंसर का एजेंट बताने के बाद उन्होंने ट्रक खरीदने के लिए राय द्वारा बीते पांच महीने पहले लिए गए ऋण की मासिक किस्त का भुगतान न करने का कारण जानना चाहा।
श्यामानंद ने आगे बताया कि जब उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान किस्तों को चुकाने में सरकार द्वारा दी गई छूट के प्रावधान का उल्लेख किया, तो एजेंटों ने पहले उन्हें जाने की अनुमति दी।
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि घनश्यामपुर क्षेत्र से गुजरने पर एजेंटों ने उनके ट्रक को फिर से रोक दिया।
श्यामानंद ने कहा कि वह केबिन में बैठा था और उसके पिता एजेंटों से बात करने के लिए नीचे उतरे, तभी उन्होंने अचानक अपने पिता की चीखने की आवाज सुनी।
श्यामानंद ने कहा, "मैंने देखा कि मेरे पिता आग की लपटों से घिरे हुए थे और मैं उनको बचाने के लिए ट्रक के केबिन से एक कंबल लेकर भागा, जबकि स्थानीय लोग उन एजेंटों का पीछा करने लगे। उनमें से दो को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया, जबकि अन्य दो अपनी कार में भागने में सफल रहे।"
राय को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
बदलापुर थाना प्रभारी (एसओ) श्रीजेश यादव ने कहा कि दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और मामले में आगे की जांच उनके पूछताछ के आधार पर की जा रही है।
--आईएएनएस
थाना प्रभारी (एसओ) बदलापुर श्रीजेश यादव ने कहा कि दो लोग पुलिस हिरासत में हैं, वहीं राय को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ट्रक पर पिता के साथ मौजूद राय के बेटे श्यामानंद ने संवाददाताओं को बताया कि वे मध्यप्रदेश के रीवा से कंक्रीट लोड करके आजमगढ़ लौट रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब उनका ट्रक बदलापुर से गुजर रहा था, तो कुछ कार सवार लोगों ने उन्हें रोका और खुद को फाइनेंसर का एजेंट बताने के बाद उन्होंने ट्रक खरीदने के लिए राय द्वारा बीते पांच महीने पहले लिए गए ऋण की मासिक किस्त का भुगतान न करने का कारण जानना चाहा।
श्यामानंद ने आगे बताया कि जब उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान किस्तों को चुकाने में सरकार द्वारा दी गई छूट के प्रावधान का उल्लेख किया, तो एजेंटों ने पहले उन्हें जाने की अनुमति दी।
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि घनश्यामपुर क्षेत्र से गुजरने पर एजेंटों ने उनके ट्रक को फिर से रोक दिया।
श्यामानंद ने कहा कि वह केबिन में बैठा था और उसके पिता एजेंटों से बात करने के लिए नीचे उतरे, तभी उन्होंने अचानक अपने पिता की चीखने की आवाज सुनी।
श्यामानंद ने कहा, "मैंने देखा कि मेरे पिता आग की लपटों से घिरे हुए थे और मैं उनको बचाने के लिए ट्रक के केबिन से एक कंबल लेकर भागा, जबकि स्थानीय लोग उन एजेंटों का पीछा करने लगे। उनमें से दो को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया, जबकि अन्य दो अपनी कार में भागने में सफल रहे।"
राय को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
बदलापुर थाना प्रभारी (एसओ) श्रीजेश यादव ने कहा कि दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और मामले में आगे की जांच उनके पूछताछ के आधार पर की जा रही है।
--आईएएनएस
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