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वृद्धजनों की बदौलत आज हम और हमारी संस्कृति बची हुई है - महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी

लुधियाना । अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के मौके पर आज निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अनंत विभूषित श्री श्री 1008 कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि वृद्धजनों की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। क्योंकि इन वृद्धजनों की बदौलत आज हम और हमारी संस्कृति बची हुई है। उन्होंने समाज के वर्गों को वृद्धजनों की सेवा के लिए आगे आना चाहिए। असल में आज वृद्धजनों की सेवा के कार्य करने वाले हैवनली पैलेस को 25 साल पूरे हो गए हैं और इस मौके पर हैवनली पैलेस में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें रिपब्लिक ऑफ गुयाना के राजदूत चरनदास परसौद भी मौजूद थे।
इसमें पर चरनदास परसौद ने ध्वजारोहण किया और कहा कि मुझे ईर्ष्या हो रही है कि मानव सेवा का ऐसा कार्य मेरे देश मे नहीं है। आप सब लोग बेहद खुशनसीब हो कि आपके देश मे ऐसे सेवा के कार्य हो रहे हैं। निःसंदेह आपकी संस्कृति बेहद उच्च व अनुकरणीय है।
वहीं इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अनंत विभूषित श्री श्री 1008 कैलाशानंद गिरि जी महाराज और जैन धर्म के महान गुरु व विचारक आचार्य डॉ लोकेश मुनि जी विद्वान मनीषी व संत अद्वैतानंद गिरि जी महाराज प्रमुख विशिष्ट अतिथि व मार्गदर्शक उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी ने अपने उदबोधन में इस सेवा विचार को भारतीय संस्कृति की सर्वश्रेष्ठ विधा बताया गया। उन्होंने इस सेवा के नायक DBCT ट्रस्ट के चैयरमैन श्री अनिल कुमार मोंगा जी व सभी ट्रस्टी को इस कार्य के लिए बधाई दी और संस्थान के उज्जवल भविष्य की कामना की।
इसमें पर चरनदास परसौद ने ध्वजारोहण किया और कहा कि मुझे ईर्ष्या हो रही है कि मानव सेवा का ऐसा कार्य मेरे देश मे नहीं है। आप सब लोग बेहद खुशनसीब हो कि आपके देश मे ऐसे सेवा के कार्य हो रहे हैं। निःसंदेह आपकी संस्कृति बेहद उच्च व अनुकरणीय है।
वहीं इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अनंत विभूषित श्री श्री 1008 कैलाशानंद गिरि जी महाराज और जैन धर्म के महान गुरु व विचारक आचार्य डॉ लोकेश मुनि जी विद्वान मनीषी व संत अद्वैतानंद गिरि जी महाराज प्रमुख विशिष्ट अतिथि व मार्गदर्शक उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी ने अपने उदबोधन में इस सेवा विचार को भारतीय संस्कृति की सर्वश्रेष्ठ विधा बताया गया। उन्होंने इस सेवा के नायक DBCT ट्रस्ट के चैयरमैन श्री अनिल कुमार मोंगा जी व सभी ट्रस्टी को इस कार्य के लिए बधाई दी और संस्थान के उज्जवल भविष्य की कामना की।
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