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विकास कार्यों में लापरवाही बरतने पर नूंह के तीन अफसर निलंबित

चंडीगढ। नगर पालिका नूंह में विकास कार्यों में अनियमितता बरतने वाले
तत्कालीन पालिका सचिव, पालिका अभियंता तथा कनिष्ठ अभियंता को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने
कहा कि प्रदेश के एक-एक पाई के सदुपयोग की व्यवस्था की जा रही है, जो भी
विकास कार्यो में कोताही करेगा, उस कर्मचारी, अधिकारी को बख्शा नहीं
जाएगा।
वीरवार को अपने आवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जनता दरबार लगाया तथा प्रदेश भर से आए नागरिक, संगठनों की परेशानियों को सुनते हुए उनका निदान किया। नगर पालिका नूंह में विकास कार्यो में कोताही बरतने की क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा शिकायत की गई। नूंह से आए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वार्ड तीन में एक काम के एवज में 2 लाख 26 हजार रूपए के चेक काट दिए गए, जबकि मौके पर एक ईंट नहीं लगी हुई थी। ऐसे ही 4 लाख 90 हजार रूपए अवैध क्षेत्र में मिट्टी डालने के लिए ठेकेदार को जारी किए, इसमें 30 अप्रैल 2017 को हुई एसडीएम जांच में भी कोताही बरतने की पुष्टि हुई थी। ऐसे में पालिका में अधिकारी मिलीभगत करते हुए सरकारी राजस्व का नुकसान कर रहे हैं तथा सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने तुरंत शहरी स्थानीय निकाय निदेशक को तत्कालीन नगर पालिका सचिव राकेश कादयान, पालिका अभियंता लक्ष्मीचंद राघव और कनिष्ठ अभियंता राजेश दलाल को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में हाल ही में हुई क्लर्क की भर्ती में चयनित कोसली के सतीश एवं अन्य क्षेत्रों से आए युवा मिले तथा पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान सरकार ने उन्हें जो अवसर योग्यता के आधार पर दिया है, वह इसकी एवज में अपने विभागों में दिल लगाकर आमजन की सेवा करेंगे तथा अपने कार्य में कोताही नहीं बरतेंगे। इस दौरान भिवानी, झज्जर, पंचकूला, हिसार, जींद जिला से भी अलग-अलग विषय पर नागरिक एवं प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मकसद आम आदमी को योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से पहुंचाने का है, ताकि सुशासन की अवधारणा को मजबूत किया जा सके।
वीरवार को अपने आवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जनता दरबार लगाया तथा प्रदेश भर से आए नागरिक, संगठनों की परेशानियों को सुनते हुए उनका निदान किया। नगर पालिका नूंह में विकास कार्यो में कोताही बरतने की क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा शिकायत की गई। नूंह से आए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वार्ड तीन में एक काम के एवज में 2 लाख 26 हजार रूपए के चेक काट दिए गए, जबकि मौके पर एक ईंट नहीं लगी हुई थी। ऐसे ही 4 लाख 90 हजार रूपए अवैध क्षेत्र में मिट्टी डालने के लिए ठेकेदार को जारी किए, इसमें 30 अप्रैल 2017 को हुई एसडीएम जांच में भी कोताही बरतने की पुष्टि हुई थी। ऐसे में पालिका में अधिकारी मिलीभगत करते हुए सरकारी राजस्व का नुकसान कर रहे हैं तथा सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने तुरंत शहरी स्थानीय निकाय निदेशक को तत्कालीन नगर पालिका सचिव राकेश कादयान, पालिका अभियंता लक्ष्मीचंद राघव और कनिष्ठ अभियंता राजेश दलाल को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में हाल ही में हुई क्लर्क की भर्ती में चयनित कोसली के सतीश एवं अन्य क्षेत्रों से आए युवा मिले तथा पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान सरकार ने उन्हें जो अवसर योग्यता के आधार पर दिया है, वह इसकी एवज में अपने विभागों में दिल लगाकर आमजन की सेवा करेंगे तथा अपने कार्य में कोताही नहीं बरतेंगे। इस दौरान भिवानी, झज्जर, पंचकूला, हिसार, जींद जिला से भी अलग-अलग विषय पर नागरिक एवं प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मकसद आम आदमी को योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से पहुंचाने का है, ताकि सुशासन की अवधारणा को मजबूत किया जा सके।
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