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शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित बनाने पर बल: उपायुक्त

सोलन। उपायुक्त सोलन विनोद कुमार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि संस्थागत प्रसव सुनिश्चित बनाने के लिए लोगों विशेषकर महिलाओं को विभिन्न माध्यमों द्वारा जागरूक किया जाए। विनोद कुमार गर्भवती तथा धात्री महिलाओं की मृत्यु दर में और कमी लाने के संबंध में आयोजित बैठक की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। विनोद कुमार ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य के संबंध में अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
इन योजनाओं का उद्देश्य जहां संस्थागत प्रसव सुनिश्चित बनाना है वहीं गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को उचित पोषाहार उपलब्ध करवाना भी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एवं सोलन जिला में हालांकि संस्थागत प्रसव की दर पहले से अधिक हुई है किन्तु इसे शत-प्रतिशत किया जाना जरुरी है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है।
उपायुक्त ने कहा कि हमारे देश में प्रतिवर्ष 67 हजार गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की मृत्यु होती है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित बनाने एवं विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में इस दिशा में सुविधाएं सृजित करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
उपायुक्त ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आग्रह किया कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की मृत्यु दर में और कमी लाने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. आरके दरोच ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया तथा समीक्षा बैठक की विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में सहायक आयुक्त भानू गुप्ता, विश्व स्वास्थ्य संगठन में परामर्शदाता डॉ. देवेन्द्र तोमर, उपनिदेशक उच्च शिक्षा पूनम सूद, जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. दिवाकर वर्मा, जिला पंचायत अधिकारी सतीश अग्रवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान, रोटरी क्लब के सचिव डॉ. राकेश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
इन योजनाओं का उद्देश्य जहां संस्थागत प्रसव सुनिश्चित बनाना है वहीं गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को उचित पोषाहार उपलब्ध करवाना भी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एवं सोलन जिला में हालांकि संस्थागत प्रसव की दर पहले से अधिक हुई है किन्तु इसे शत-प्रतिशत किया जाना जरुरी है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है।
उपायुक्त ने कहा कि हमारे देश में प्रतिवर्ष 67 हजार गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की मृत्यु होती है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित बनाने एवं विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में इस दिशा में सुविधाएं सृजित करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
उपायुक्त ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आग्रह किया कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की मृत्यु दर में और कमी लाने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. आरके दरोच ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया तथा समीक्षा बैठक की विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में सहायक आयुक्त भानू गुप्ता, विश्व स्वास्थ्य संगठन में परामर्शदाता डॉ. देवेन्द्र तोमर, उपनिदेशक उच्च शिक्षा पूनम सूद, जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. दिवाकर वर्मा, जिला पंचायत अधिकारी सतीश अग्रवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान, रोटरी क्लब के सचिव डॉ. राकेश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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