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कैराना में सपा ने जीत की, बीजेपी ने हार की लगाई हैट्रिक

शामली। कैराना 2016 से राजनीतिक केंद्र बना हुआ है। भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने बस्ती से हिंदू प्रवास का आरोप लगाया था। इस बार कैराना ने रिकॉर्ड बनाया है। इस निर्वाचन क्षेत्र ने विजेता और हारने वाले दोनों के लिए हैट्रिक सुनिश्चित की है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के नाहिद हसन ने कैराना में सलाखों के पीछे से अपना तीसरा चुनाव जीता, जबकि भाजपा की मृगांका सिंह के लिए यह उनकी लगातार तीसरी हार थी।
गुरुवार देर रात नाहिद हसन ने 26,333 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
नाहिद की बहन इकरा हसन ने कहा कि कैराना ने तथाकथित 'पलायन' वाली राजनीति को खारिज कर दिया है। भाजपा के लिए इस मुद्दे को हमेशा के लिए दफन करना बेहतर है। यह पिछली बार भी ये काम नहीं आया था, और न ही इस बार। वे इसे राजनीतिक रूप से भुनाने में विफल रहे।
इकरा ने कहा कि भाजपा ने हमारे लिए चीजें जितना मुश्किल की, उतना ही कैराना के मतदाताओं ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है।
कैराना में दो परिवारों के हसन और सिंह के बीच वर्षों से राजनीतिक लड़ाई देखी जा रही है।
भाजपा नेता और कैराना से सांसद दिवंगत हुकुम सिंह ने 2016 में 'हिंदू पलायन' का मुद्दा उठाया था, जब उन्होंने '250 परिवारों' की एक सूची निकाली थी, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वे खराब कानून व्यवस्था के कारण वहां से चले गए थे। इस मुद्दे ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था और भाजपा ने 2017 में इसे चुनावी मुद्दा बनाया था जब हुकुम की बेटी मृगांका सिंह को इस सीट से मैदान में उतारा गया था।
हालांकि उस समय बीजेपी ने राज्य में 325 सीटें जीती थीं, लेकिन मृगांका हसन से हार गईं।
--आईएएनएस
समाजवादी पार्टी (सपा) के नाहिद हसन ने कैराना में सलाखों के पीछे से अपना तीसरा चुनाव जीता, जबकि भाजपा की मृगांका सिंह के लिए यह उनकी लगातार तीसरी हार थी।
गुरुवार देर रात नाहिद हसन ने 26,333 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
नाहिद की बहन इकरा हसन ने कहा कि कैराना ने तथाकथित 'पलायन' वाली राजनीति को खारिज कर दिया है। भाजपा के लिए इस मुद्दे को हमेशा के लिए दफन करना बेहतर है। यह पिछली बार भी ये काम नहीं आया था, और न ही इस बार। वे इसे राजनीतिक रूप से भुनाने में विफल रहे।
इकरा ने कहा कि भाजपा ने हमारे लिए चीजें जितना मुश्किल की, उतना ही कैराना के मतदाताओं ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है।
कैराना में दो परिवारों के हसन और सिंह के बीच वर्षों से राजनीतिक लड़ाई देखी जा रही है।
भाजपा नेता और कैराना से सांसद दिवंगत हुकुम सिंह ने 2016 में 'हिंदू पलायन' का मुद्दा उठाया था, जब उन्होंने '250 परिवारों' की एक सूची निकाली थी, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वे खराब कानून व्यवस्था के कारण वहां से चले गए थे। इस मुद्दे ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था और भाजपा ने 2017 में इसे चुनावी मुद्दा बनाया था जब हुकुम की बेटी मृगांका सिंह को इस सीट से मैदान में उतारा गया था।
हालांकि उस समय बीजेपी ने राज्य में 325 सीटें जीती थीं, लेकिन मृगांका हसन से हार गईं।
--आईएएनएस
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