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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य ने अल्पसंख्यकों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों की समीक्षा की
सैय्यद शहेजादी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य अल्पसंख्यकों के शैक्षिक और सामाजिक अवसरों को बढ़ावा देना है। इसके तहत विभिन्न योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि अल्पसंख्यकों के समावेशी विकास को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि समाज में आपसी सद्भाव और सहयोग से ही विकास को बढ़ावा मिलता है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश भी दिए।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने उर्दू भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए 6वीं से 8वीं कक्षा तक चिन्हित स्कूलों में इसे वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक, मैरिट-कम-मीन्स और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत, अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के लिए 28 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम ने अल्पसंख्यक समुदाय के 3,498 लाभार्थियों को स्वरोजगार के लिए 100.58 करोड़ रुपये और 37 लाभार्थियों को शैक्षिक ऋण के रूप में 1.63 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
बैठक में राज्य में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम और कौशल विकास योजना के तहत चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई। बैठक का संचालन अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण विभाग की निदेशक किरण भड़ाना ने किया, जबकि मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसमें भाग लिया।
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