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कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने किसानों से किया सीधा संवाद

पलवल। हरियाणा के कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने किसानों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि किसान कृषि की नवीतम तकनीकों से जुड़ें। कृषि की नई तकनीकों व अनुभवों को सांझा करने के लिए किसानों को अन्य प्रदेशों में यात्राएं करवाई जाएंगी। बघौला गांव के खेतों में किसानों से संवाद करते हुए डॉ. लिखी ने कृषि व किसान कल्याण विभाग,बागवानी विभाग व पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों एवं पशुपालकों के लगातार संपर्क में रहें ताकि उन्हें समय-समय पर उपयोगी नवीनतम जानकारियां उपलब्ध होती रहें। उन्होंने जैविक कृषि के प्रामाणीकरण के महत्व को भी इंगित किया।
संवाद के दौरान किसानों द्वारा प्रस्तुत की गई विभिन्न आवश्यकताओं व समस्याओं पर प्रतिक्रिया करते हुए प्रधान सचिव ने कहा कि प्रदेश में किसानों से सीधे संवाद का पलवल जिला में प्रथम कार्यक्रम है। प्रदेश के सभी जिलों में किसानों से सीधा संवाद कर उनकी आवश्यकताओं व समस्याओं बारे फीडबैक लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कृषि क्षेत्र की स्थिति, कृषि क्षेत्र की योजनाओं के कार्यान्वयन, कृषि तकनीकों, जैविक कृषि, विपणन, जैविक कृषि के प्रमाणीकरण व कृषि क्षेत्र की आवश्यकताओं के संदर्भ में वास्तविक विवरण ग्रहण करने की दिशा में डॉ. लिखी ने पलवल जिला में बघौला गांव के खेतों में जिला के किसानों के एक समूह से सीधा संवाद किया। किसानों ने उन्हें वास्तविक स्थितियों, आवश्यकताओं व समस्याओं बारे अवगत करवाया।
डॉ. लिखी प्रदेश के सभी जिलों में किसानों से सीधा संवाद कर वास्तविक स्थितियों बारे फीडबैक लेंगे। कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेश गहलावत ने कहा कि किसानों से प्रथम बार सीधा संवाद किया जा रहा है। प्रधान सचिव से संवाद करते हुए किसानों ने विभिन्न फसलों के बिजाई क्षेत्र, फसल मूल्यों, सिंचाई, विपणन, जैविक कृषि, बागवानी, सब्जियों व फूलों की खेती, कृषि तकनीकों के उपयोग, पॉली हाऊस, पशुपालन के अतिरिक्त खरपतवार व कीटनाशक दवाओं के मूल्यों के बारे में स्थितियों से अवगत करवाया।
संवाद के दौरान किसानों द्वारा प्रस्तुत की गई विभिन्न आवश्यकताओं व समस्याओं पर प्रतिक्रिया करते हुए प्रधान सचिव ने कहा कि प्रदेश में किसानों से सीधे संवाद का पलवल जिला में प्रथम कार्यक्रम है। प्रदेश के सभी जिलों में किसानों से सीधा संवाद कर उनकी आवश्यकताओं व समस्याओं बारे फीडबैक लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कृषि क्षेत्र की स्थिति, कृषि क्षेत्र की योजनाओं के कार्यान्वयन, कृषि तकनीकों, जैविक कृषि, विपणन, जैविक कृषि के प्रमाणीकरण व कृषि क्षेत्र की आवश्यकताओं के संदर्भ में वास्तविक विवरण ग्रहण करने की दिशा में डॉ. लिखी ने पलवल जिला में बघौला गांव के खेतों में जिला के किसानों के एक समूह से सीधा संवाद किया। किसानों ने उन्हें वास्तविक स्थितियों, आवश्यकताओं व समस्याओं बारे अवगत करवाया।
डॉ. लिखी प्रदेश के सभी जिलों में किसानों से सीधा संवाद कर वास्तविक स्थितियों बारे फीडबैक लेंगे। कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेश गहलावत ने कहा कि किसानों से प्रथम बार सीधा संवाद किया जा रहा है। प्रधान सचिव से संवाद करते हुए किसानों ने विभिन्न फसलों के बिजाई क्षेत्र, फसल मूल्यों, सिंचाई, विपणन, जैविक कृषि, बागवानी, सब्जियों व फूलों की खेती, कृषि तकनीकों के उपयोग, पॉली हाऊस, पशुपालन के अतिरिक्त खरपतवार व कीटनाशक दवाओं के मूल्यों के बारे में स्थितियों से अवगत करवाया।
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