Punjab employees will hold a rally in Ambala on October 2 to expose the lies of AAP: Subhash Lamba-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Dec 4, 2024 5:41 am
Location
Advertisement

पंजाब के मुलाजिम 2 अक्टूबर को अंबाला में रैली कर आप के झूठ का करेंगे पर्दाफाश : सुभाष लांबा

khaskhabar.com : गुरुवार, 03 अक्टूबर 2024 4:11 PM (IST)
पंजाब के मुलाजिम 2 अक्टूबर को अंबाला में रैली कर आप के झूठ का करेंगे पर्दाफाश : सुभाष लांबा
चंडीगढ़। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने आम आदमी पार्टी से सवाल किया कि वायदे के बावजूद पंजाब व दिल्ली में अभी तक पुरानी पेंशन बहाली व ठेका संविदा कर्मियों को पक्का क्यों नहीं किया गया है ? उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली व आउटसोर्स ठेका संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद किसी भी वायदे पर अमल नही किया गया। जिसके कारण पंजाब के मुलाजिमों में भारी आक्रोश है।

उन्होंने बताया कि आक्रोशित पंजाब के मुलाजिम और पेंशनर्स का सांझा मोर्चा ने 2 अक्टूबर को अम्बाला में आक्रोश मार्च निकाल कर आम आदमी पार्टी और भाजपा के झूठे वादों और जन व कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा कि एक दशक से ज्यादा समय से दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार सतारूढ़ है, लेकिन वहां भी न तो ओपीएस लागू हुई और न ही आउटसोर्स ठेका कर्मियों को नियमित किया गया।
उन्होंने बताया कि केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली, आठवें पे कमीशन का गठन और कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के 18 महीने के बकाया डीए डीआर का भुगतान न करने के ऐलान ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। जिसको कर्मचारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और समय पर इसका माकूल जबाव देंगे।
उन्होंने कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली व आउटसोर्स, ठेका संविदा कर्मियों को नियमित करने व पेंशनर्स की 65-70-75 व 80 साल की उम्र में बेसिक पेंशन में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी करने के वादे को सकारात्मक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी एवं पेंशनर्स उपरोक्त मुद्दों को लेकर वोट करेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लांबा ने बताया कि निरंतर राष्ट्रव्यापी आन्दोलन के बावजूद केन्द्र सरकार ने पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली की बजाय कर्मचारियों पर यूपीएस लागू करने का ऐलान कर दिया है। जो एनपीएस से भी खराब है। उन्होंने आरोप लगाया है यूपीएस कर्मचारियों की बजाय कारपोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए है। क्योंकि कारपोरेट सेक्टर को प्रत्येक कर्मचारी के वेतन का 28.5 प्रतिशत राशि प्रति माह प्राप्त होगी, जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि ओपीएस में कटौती होने वाले जीपीएफ की राशि का सरकार विकास कार्यों में खर्च कर सकती हैं । क्योंकि जीपीएफ की राशि पर सरकार का पूर्ण नियंत्रण रहता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाली, आठवें पे कमीशन के गठन और कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के कोविड 19 में फ्रीज किए गए 18 महीने के डीए डीआर की रिलीज करने तथा आउटसोर्स, ठेका संविदा कर्मियों को नियमित करने की कोई स्थाई पालिसी न बनाने से मना करने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों विरोधी रवैए के कारण ही हरियाणा व जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा को कर्मचारियों और पेंशनर्स तथा उनके परिजनों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement